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2016 में 11,370 किसानों ने की खुदकुशी, हर दिन मरे 31 अन्नदाता

करीब दो साल की देरी के बाद आखिरकार राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2016 में किसान आत्महत्या से जुड़े आंकड़े जारी कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में किसान आत्महत्या से जुड़े 11,370 मामले सामने आए। इसका औसत निकाले तो हर दिन 31 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की। किसान आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र चोटी पर रहा। साल 2016 में खेतिहर मजदूरों, भूस्वामियों और काश्तकारों द्वारा की गई 11,379 आत्महत्याओं में से 3,661 आत्महत्याएं महाराष्ट्र से थीं।

अपनी पिछली रिपोर्टों में एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्याओं के कारणों को फसल नुकसान, कर्ज, कृषि संकट, पारिवारिक समस्याओं, बीमारियों आदि के तहत बताई थीं। हालांकि हाल ही में जारी आंकड़ों में एनसीआरबी ने आत्महत्याओं के पीछे के कारणों का उल्लेख नहीं किया है। उल्लेखनीय है साल 2015 में किसान आत्महत्याओं से जुड़े मामलों में 80 फीसदी दिवालियापन और कर्ज से जुड़े थे।

एनसीआरबी ने बताया कि हालांकि साल 2015 की तुलना 2016 में खुदकुशी के कुल मामलों में कमी आई है। 2015 में प्रति एक लाख आबादी पर आत्महत्या की दर 10.6 थी जो 2016 में घटकर 10.3 प्रति एक लाख आबादी पर आ गई है। हालांकि, राष्ट्रीय दर 10.3 के मुकाबले 2016 में शहरों में खुदकुशी की दर 13.0 दर्ज की गई।

‘भारत में हादसे से मौत एवं खुदकुशी’ संबंधी वार्षिक रिपोर्ट में 36 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेश और दस लाख से अधिक आबादी वाले 53 महानगरों के राज्य अपराध ब्यूरो एवं अपराध अन्वेषण विभाग की ओर दिए गए आंकड़ों को संकलित किया गया है। एनसीआरबी सभी आंकड़ों को एकत्र कर रिपोर्ट के रूप में संकलित करता है।

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