@शब्द दूत ब्यूरो (30 नवंबर 2024)
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हल्द्वानी आगमन पर किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक एवं किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष अपने अन्य दो अन्य साथियों के साथ एक ज्ञापन लेकर जाना चाहते थे। लेकिन उन्हें नजरबंद कर दिया गया। ये आरोप आंदोलनकारी किसानों ने लगाया है।
जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे किसान नेता कार्तिक उपाध्याय को मुख्यमंत्री से मिलकर एक ज्ञापन देना था। कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने से पूर्व एक बार ज्ञापन अपने मार्गदर्शक पूर्व ग्राम प्रधान ललित मोहन नेगी को दिखाना चाहते थे जिसको लेकर वह उनके कार्यालय गन्ना सेंटर पहुंचे थे कार्यालय में प्रधान जी उपस्थित नहीं थे और उन्होंने फोन पर बताया कि कुछ देर में वह आ रहे हैं,लेकिन इसी बीच पुलिस द्वारा कार्तिक उपाध्याय को कार्यालय में ही नजर बंद कर दिया गया और पुलिस द्वारा ज्ञापन लिया गया।
कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि आंदोलन से मिले राज्य में इस तरह आंदोलन करने वालों का दमन पुलिस द्वारा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है,उन्होंने कहा कि वह किसी तरह का विरोध नहीं कर रहे थे वह किसी राजनीतिक दल के नेता नहीं है वह किसानों की बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते थे लेकिन बड़ा दुर्भाग्य है कि आज आंदोलन से मिले राज्य में आंदोलकारियों की यह स्थिति है कि वह अपने मुख्यमंत्री से नहीं मिल सकते,तो बड़ा प्रश्न है कि उत्तराखंड के जो वर्तमान मुख्यमंत्री हैं वह क्या प्रत्येक नागरिक के मुख्यमंत्री हैं या सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के मुख्यमंत्री हैं जो वह आम जनता से मिलना ही नहीं चाहते।
आंदोलनकारी किसान कार्तिक उपाध्याय ने कहा आज सरकार हर तरह के आंदोलन से डरी और सहमी हुई हैं यही कारण हैं कि कानून के रक्षकों से ही कानून तुड़वाया जा रहा हैं,उन्होंने कहा वह गांधी जी के मार्ग पर चलकर आंदोलन करना जानते हैं इसलिए सब इंस्पेक्टर राजेंद्र मेहरा जी के माध्यम से ज्ञापन भेज दिया गया हैं लेकिन सरकार किसानों से दूर भागेगी तो मजबूरन भगत सिंह की राह भविष्य में पकड़नी होगी।
आंदोलनकारी किसान कार्तिक उपाध्याय के साथ लक्ष्मण सिंह बोरा एवं हर्षित उपाध्याय को भी नजर बंद किया गया।