@शब्द दूत ब्यूरो (22 नवंबर 2024)
काशीपुर । पहले दुर्घटना फिर शोक संवेदना और फिर सरकारी मुआवजा उसके साथ ही किसी अधिकारी का निलंबन। लेकिन इस सारी प्रक्रिया के बीच आम आदमी या तो घायल होता है या फिर असमय मौत का शिकार। सरकारी अधिकारी अब सक्रिय हो जाते हैं। दुर्घटना के कारणों को रोकने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई का सिलसिला कुछ समय तक चलता है। आम आदमी सरकार के एक्शन और अधिकारियों की कार्रवाई की प्रशंसा करने लगता है।
36 सेकेंड का एक वीडियो इसका प्रमाण है। जी हाँ, काशीपुर की गिरिताल रोड का यह वीडियो है। हालांकि पूरे शहर में ऐसे दृश्य आपको दिखाई देते हैं जो देखने में तो एक सामान्य घटना लगती है। शायद इसीलिये न तो आम आदमी और न अधिकारी ऐसे वीडियो को गंभीरता से लेते हैं। ये वीडियो गंभीर तभी माना जाता है जब कोई दुखद हादसा घटता है। जितनी भी दुर्घटना हुई है या होती हैं उसके पीछे मुख्य कारण यही है। यदि समय रहते ऐसे मामलों में में कार्रवाई की जाये तो आम आदमी को दुखद हादसों से न जूझना पड़े।
शहर में आवारा या लावारिस घूमते पशुओं को लेकर प्रशासन कभी गंभीर नहीं रहता। दुर्घटना का इंतजार रहता है ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए। यदि लावारिस छोड़ने वाले पशु मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये तो दुर्घटना की संभावना को कुछ हद तक समाप्त किया जा सकता है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि दुर्घटना की स्थिति लगभग बनी हुई है।