@शब्द दूत ब्यूरो (11 नवंबर 2024)
वाराणसी। उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर दागदार हो गई है। इस बार महकमे के एक काबिल इंस्पेक्टर छापेमारी की आड़ में 40 लाख रुपये लेकर चंपत हो गए। जब इस घटना की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में आरोपी इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार वाराणसी में सारनाथ मंदिर प्रभारी निरीक्षक परमहंस गुप्ता ने 7 नवंबर की रात रुद्र हिट्स अपार्टमेंट में छापा मारा। उनके साथ सिविल ड्रेस में एक युवक भी था, जिसने गार्ड को बताया कि वह सीएम योगी का ओएसडी है। अपार्टमेंट में शहर के बड़े कारोबारी जुआ खेल रहे थे। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने दो बैग में 40 लाख रुपये फीस ली। एक सीसीटीवी भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि वह मंदिर से उतर रहे हैं, उनके हाथों में दो बैग हैं। सीसीटीवी वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर गुप्ता को लाइन हाजिर कर दिया है। वरुणा चंद्रकांत मीना इसकी जांच कर रहे हैं।
अपार्टमेंट के गार्ड ने पुलिस को बताया कि 7 नवंबर की रात एक गाड़ी में दो लोग आए। एक युवक सफेद शर्ट पहने हुए था, जबकि पीछे एक इंस्पेक्टर बैठा था। सफेद शर्ट पहने युवक ने बताया कि वह मुख्यमंत्री का ओएसडी है। उसने गाड़ी सीधे लिफ्ट के सामने रुकवाई। उसके साथ कुछ पुलिसकर्मी भी थे। दोनों रात करीब 2 बजे लिफ्ट से ऊपर गए। जब वे वापस लौटे तो उनके पास दो काले रंग के बैग थे। इसके बाद वे चले गए। बताया गया कि इंस्पेक्टर का साथी एक स्थानीय पत्रकार है। बताया गया कि दोनों 40 से 50 लाख रुपए लेकर फरार हो गए। वहां करीब एक करोड़ रुपए कैश था। इस मामले में पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि किसी भी अधिकारी को कोई शिकायत नहीं मिली है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक अपार्टमेंट से इंस्पेक्टर के बाहर निकलने का वीडियो सामने आया है। उसके साथ एक व्यक्ति दो बैग लेकर चलता हुआ दिखाई दे रहा है। फिलहाल उस इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दोषी पाए जाने पर इंस्पेक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।