अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़े ऐतिहासिक जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान को मुख्य पक्षकार माना है। वहीं निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया गया है। निर्मोही अखाड़े को सेवायत का अधिकार नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक मस्जिद के नीचे विशाल रचना थी, जो इस्लामिक नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व वीएचपी प्रमुख प्रवीण तोगड़िया ने बयान देते हुए कहा, ‘लाखों कार्यकर्ताओं को सलाम।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मसले पर सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, ‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा है। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।’ अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ‘यह मामला दशकों से चल रहा था और अब यह सही नतीजे पर पहुंचा है। यह किसी की भी जीत या हार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हम शांति के प्रयासों के लिए सभी का स्वागत करते हैं।’
उधर, मीडिया से बातचीत में जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड फैसले को चुनौती देगा। उन्होंने फैसले पर असंतोष व्यक्त किया।