नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले तक महाराष्ट्र सरकार में बनाने के लिए किसी एक दल या गठबंधन ने दावेदारी नहीं की है।ऐसे में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के हालात बनते दिख रहे हैं।
बीते रोज बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाक़ात की थी, लेकिन सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। इस बीच शिवसेना ने अपने विधायकों को जोड़तोड़ से बचाने के लिए एक होटल में भेज दिया है। उधर कांग्रेस अपने विधायकों को इकट्ठा कर एक साथ रखने की तैयारी कर रही है। इस असमंजस के हालात में आज शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है और अगर ऐसा हुआ तो ये जनता का अपमान होगा।
उन्होंने ये भी कहा कि ये अस्मिता की लड़ाई है जो जारी रहेगी। संजय राउत ने कहा कि जिसके पास बहुमत है वो सरकार बनाए। जनादेश का अपमान हो रहा है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना जनता का अपमान होगा। दिल्ली के सामने महाराष्ट्र कभी नहीं झुका है न शरद पवार झुके न उद्धव ठाकरे ये। अस्मिता की लड़ाई है और जारी रहेगी। संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने पर सहमत होने पर ही भाजपा को हमारे पास आना चाहिए। भाजपा को कार्यवाहक सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।