मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि शिवसेना ने अब सरकार बनाने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे अगले 48 घंटे तक ही बीजेपी का इंतजार करेंगे। इसके बाद वह एनसीपी के साथ सरकार बनाने की पेशकश कर सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक, एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह शिवसेना के साथ आ सकती है। हालांकि, इसके लिए उसने एक शर्त भी रखी है। एनसीपी ने कहा है कि गठबंधन करने के लिए उद्धव ठाकरे की पार्टी को बीजेपी से दोस्ती खत्म करनी होगी। सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी ने केंद्रीय कैबिनेट से शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत के इस्तीफे की भी शर्त रखी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने आवास पर कोर टीम की मीटिंग की थी। उस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता व राज्य सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने जल्द सरकार बनने का दावा किया था। हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना की तरफ से कोई भी प्रस्ताव नहीं मिलने की बात कही थी।
बता दें कि शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को एक खत लिखा था। उन्होंने अपील की थी कि इस मामले की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को सौंपी जाए, जो महज 2 घंटे में समस्या सुलझा देंगे। सूत्रों का मानना है कि आरएसएस नितिन गडकरी को जिम्मेदारी सौंपने के लिए तैयार हो गया है। वहीं, 7 या 8 नवंबर को राज्य में नई सरकार के गठन का दावा भी किया जाने लगा है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना व एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने हाथ आजमाए थे। बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, शिवसेना के खाते में 56 सीटें गईं। इनके अलावा एनसीपी ने 54 व कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत हासिल की। नतीजे घोषित होने के बाद से ही शिवसेना 50-50 फॉर्म्यूले पर सरकार चलाने की डिमांड कर रही है।