काशीपुर/ ठाकुरद्वारा। खंडहर में तब्दील ईट भट्टे पर पिछले 3 दिनों से जमा पिन्नी के ढेर में धधक रही आग से उठ रहा जहरीला धुआं अब उत्तराखंड की सीमा से लगे गांवों को भी प्रभावित करने लगा है। भीषण तरीके से लगी आग को बुझाने में दमकल कर्मियों को पसीने छूट रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदूषण के गहराये संकट के कारण क्षेत्र केलोलोग श्वास व नेत्र संबंधी रोगों के शिकार होने लगे हैं।
ग्रामीणों ने इस बारे में स्थानीय पुलिस को तहरीर देकर भट्ठा स्वामियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग किया है।
जनपद मुरादाबाद के तहसील ठाकुरद्वारा स्थित ग्राम मानावाला में मंदिर के समीप गांव के बाहर कभी पुराना भट्ठा हुआ करता था जिसे बंद हुए वर्षों हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि खंडहर में तब्दील होने के बाद भट्टे की जमीन पर ग्राम रामनगर खागुवाला निवासी आफताब अल्ताफ पुत्रगण अब्दुल सलाम तथा यही के शहजाद नौशाद पुत्रगण फैयाजउद्दीन ने प्लास्टिक का कचरा डालकर पूरा पहाड़ खड़ा कर दिया। बरसात के दिनों में कचरे की ढेर से उठने वाली सड़ांध के कारण ग्रामीण पहले से ही हलकान थे। इसी बीच 3 दिन पूर्व कचरे के ढेर से अचानक आग की लपटें उठने लगी। ग्रामीणों को जैसे ही इसका पता चला सैकड़ों की तादाद में लोग पानी की बाल्टी या लिए उस ओर दौड़े लेकिन तब तक आग भयानक रूप ले चुकी थी।
फायर बिग्रेड व स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना मिलने पर वह भी मौके पर पहुंची। पिछले 3 दिनों से फायर की 5 गाड़ियां बारी बारी से भड़की आग को बुझाने में लगी है इसी के साथ मौके पर 100 नंबर की गाड़ी व जेसीबी मशीन भी मुस्तैद है लेकिन आग है कि बुझने का नाम नहीं ले रही। आग की लपटों से उठने वाले जहरीले धुएं के कारण मानावाला समेत आसपास के गांव के ग्रामीणों को स्वास्थ्य तथा नेत्र संबंधी शिकायतें होने लगी है।
घटनास्थल उत्तराखंड राज्य की सीमा से लगे होने के कारण लगायत गांव मैं भी प्रदूषण के खतरे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों का आरोप है कि आग लगी नहीं बल्कि भट्ठा स्वामियों द्वारा लगाई गई है। फिलहाल इस मामले में आज सुबह किशन सिंह राजेंद्र सिंह सत्यवीर सिंह सचिन यादव महिपाल सिंह नरेश कुमार नरेंद्र आदि ने ठाकुरद्वारा कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर भट्ठा स्वामियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।