नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कॉल की घंटी का समय मोबाइल के लिये 30 सेकंड और लैंडलाइन के लिये 60 सेकंड तय किया है। ट्राई ने सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी संशोधित नियमों में यह व्यवस्था की। ट्राई ने लैंडलाइन एवं मोबाइल फोन सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी प्रावधान में किये संशोधन में कहा, ‘‘आने वाली फोन कॉल का यदि तुरंत उत्तर नहीं दिया जाये या उसे काटा न जाए तो उसकी सूचना देने वाली फोन की घंटी मोबाइल सेवाओं के लिये 30 सेकंड तथा लैंडलाइन के लिये 60 सेकंड के लिए होगी।’’ अभी तक भारत में घंटी की कोई न्यूनतम समय सीमा तय नहीं थी।
दूरसंचार कंपनियां कॉल जोड़ने के शुल्क से होने वाली आय का लाभ उठाने के लिये खुद से ही घंटी का समय कम कर दे रही थीं, ताकि अन्य नेटवर्क वाले उपभोक्ता उसके नेटवर्क पर कॉल बैक करने को बाध्य हों। रिलायंस जियो ने घंटी का अंतराल खुद ही घटाकर 25 सेकंड कर दिया है।
उधर, दूरसंचार उपभोक्ताओं के एक संगठन ने सरकार से इंटरकनेक्शन यूजेज शुल्क (आईयूसी) को एक जनवरी से खत्म करने की मांग की है। संगठन संगठन टेलीकॉम यूजर ग्रुप का कहना है कि यह शुल्क समाज के कमजोर तबके को आधुनिक सेवाओं और बेहतर अनुभव से वंचित करता है। बता दें कि एक नेटवर्क से किसी अन्य नेटवर्क पर कॉल को जोड़ने के एवज में छह पैसे का शुल्क लिया जाता है। इसे ही इंटरकनेक्शन यूजेज शुल्क कहा जाता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक जनवरी 2020 से इस शुल्क को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि ट्राई ने बाद में इस बात को लेकर परामर्श पत्र भी जारी किया कि क्या शुल्क समाप्त करने की इस समयसीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। टेलीकॉम यूजर ग्रुप ने ट्राई से कहा है कि आईयूसी की व्यवस्था को एक जनवरी से समाप्त कर देना चाहिये।