@शब्द दूत ब्यूरो (11 जुलाई 2024)
प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर इस वक्त सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र कैडर की इस आईएएस अधिकारी के कुछ चैट से बवाल मचा हुआ है। सत्ता के दुरुपयोग, सुविधाओं की गलत मांग और कथित तौर पर फेक सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाने को लेकर वह विवादों में हैं। बीते मंगलवार को उनका तबादला पुणे से वाशिम कलेक्ट्रेट में कर दिया गया था। बुधवार को उन्होंने यहां कार्यभार संभाल लिया। वह प्रोबेशन के बाकी महीने यहीं तैनात रहेंगी।
इस बीच 2022 बैच की आईएएस पूजा खेडकर को लेकर पुणे कलेक्ट्रेट ने अपनी रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दी है। इस रिपोर्ट में पूजा खेडकर और पुणे कलेक्टर कार्यालय के बीच वॉट्सएप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी संलग्न किए गए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में भेजे गए तीन स्क्रीनशॉट में बताया गया है कि पूजा कैसे आवास, गाड़ी और केबिन के बारे में जानकारी न देने पर नाराज हो गईं। मैसेज से लगता है कि पूजा खुद का परिचय दे रही है।
उन्होंने जो मैसेज भेजे हैं, उसका हिंदी अनुवाद ये है हैलो, मैं डॉ. पूजा खेडकर आईएएस हूं। मुझे असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है। डॉ. दिवसे सर ने मुझे आपका कॉन्टेक्ट नंबर दिया है. मैं 3 जून से ज्वॉइन करूंगी। मुझे बुलढाणा कलेक्टर कार्यालय से भेजे गए मेरे कुछ डॉक्यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं। कृपया मुझे बताएं कि क्या किया जा सकता है। इस पर उन्हें जवाब मिला- ठीक है. कोई समस्या नहीं है। सोमवार को हम पता लगा सकते हैं। इसके बाद पूजा खेडकर ने अपने ऑफिस और सरकारी कार के बारे में जानकारी मांगी। इस पर उन्हें बताया गया कि इस पर सोमवार को ही कलेक्टर साहब से बात की जाएगी। पूजा ने 23 मई को फिर से मैसेज करके पूछा कि आवास, ट्रैवल और केबिन पर कोई अपडेट ? इस पर कलेक्टर ऑफिस से कोई जवाब नहीं मिला। पूजा खेडकर ने 24 मई को फिर से वॉट्सएप मैसेज किया कि कृपया जवाब दें। यह जरूरी है। इस पर उन्हें जवाब मिला कि आपके पुणे आते ही चेक करेंगे। इससे नाराज पूजा ने लिखा- मुझे लगता है कि मेरे ज्वाइन करने से पहले हो जाना चाहिए। उसके बाद नहीं. मुझे इसके हिसाब से प्लानिंग करनी है। इसे मैं बाद के लिए नहीं छोड़ सकती। पूजा ने फिर कॉल की, जिस पर जवाब नहीं मिला तो उन्होंने फिर से मैसेज लिखा कि क्या कॉल बैक करने में कोई दिक्कत है?
इतना ही नहीं इसके चार दिन बाद उन्होंने ऑर्डर के लहजे में एक मैसेज लिखा कि तीन तारीख को मेरे ज्वाइन करने से पहले केबिन और गाड़ी का काम पूरा कर लें। उसके बाद समय नहीं होगा। अगर यह संभव नहीं है तो मुझे बताएं, मैं कलेक्टर से बात करूंगी। प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर पर पर्सनल गाड़ी और ऑडी सेडान पर सायरन और लाल बत्ती लगाने व महाराष्ट्र सरकार लिखने का भी आरोप है। इसके अलावा सहायक कलेक्टर अजय मोरे की अनुपस्थिति में उनके ऑफिस का इस्तेमाल करने और फर्नीचर हटाने को लेकर भी विवाद हुआ था। पुणे कलेक्टर कार्यालय ने रिपोर्ट में बताया है कि प्रोबेशन के 24 महीनों में प्रोबेशनरी आईएएस को गाड़ी, वाहन, लेटरहेड और केबिन जैसी सुविधाएं नहीं मिलती। लेकिन पूजा खेडकर ने इसकी मांग की।