@शब्द दूत ब्यूरो (21 जून 2024)
काशीपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूरे विश्व में योग समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के योग शिविर में बड़ी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं। ऐसे में काशीपुर की कांग्रेस नेत्री और उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष इंदुमान का योग का वीडियो वायरल हो गया है।
दरअसल योग दिवस पर कांग्रेस नेत्री इंदुमान ने अपने घर पर विभिन्न योग मुद्रा आसन किये। इस दौरान शब्द दूत से बात करते हुए श्रीमती इंदुमान ने महिलाओं के लिए योग की आवश्यकता पर बात की।
इंदुमान ने कहा कि आज महिलाएं समाज में सिर्फ घरेलू कामकाज की सीमा से उठकर बढ़ चढ़कर हर गतिविधि में हिस्सा ले रही है। ऐसे में स्वाभाविक है कि तनाव झेलना पड़ता है। योग ही एक ऐसा माध्यम है जिससे वह तनावमुक्त जीवन जीने के साथ समाज में अपनी महती भूमिका निभा सकतीं हैं।आज की महिलाएँ कई काम एक साथ कर सकती हैं। पुराने समय के विपरीत, उनके कर्तव्य केवल घर के कामों तक सीमित नहीं हैं। वह एक माँ, एक बहन और एक पत्नी होने के साथ-साथ एक शिक्षित स्वतंत्र महिला भी है, जो घर और करियर के बीच संतुलन बनाए रखने की अंतहीन कोशिश करती है। चूँकि महिलाएँ समाज के वृक्ष की जड़ों की तरह हैं। इसलिए उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मज़बूत बनाए रखना ज़रूरी है।
इंदुमान कहतीं हैं कि महिलाओं के स्वास्थ्य के महत्व को समझना होगा और योग उन्हें कैसे स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। यह जानना जरूरी है।
कांग्रेस नेत्री इंदुमान कहतीं हैं कि महिलाएं परिवार की देखभाल करती हैं। वे अपने जीवनसाथी और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार हैं। किसी महिला की बीमारी या मृत्यु का नकारात्मक प्रभाव बच्चों, जीवनसाथी, परिवार और समुदाय पर पड़ता है। स्वस्थ मन और शरीर वाली महिलाएं परिवार के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की संभावना रखती हैं। इसलिए, यह कहना उचित होगा कि महिलाओं का स्वास्थ्य एक स्वस्थ समुदाय की कुंजी है।
चूँकि महिलाएँ जीवन में बहुत सी भूमिकाएँ निभाती हैं, इसलिए वे अपने प्रियजनों की स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करती हैं और अपनी व्यक्तिगत ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। यह उपेक्षा, हालाँकि प्यार से भरी हुई है, महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली कई बीमारियों का मूल कारण है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के महत्व और अपने परिवार और प्रियजनों पर इसके प्रभावों को समझने की ज़रूरत है।
इंदु मान ने कहा कि पिछले कुछ सालों में महिलाओं की जिंदगी और उनकी भूमिकाएं काफी बदल गई हैं। पहले के दिनों में महिलाओं की जिंदगी घर के कामों तक ही सीमित थी। यह पूरे समय घर पर रहने की जिम्मेदारी थी। करियर बनाना तो दूर की बात है, महिलाओं को घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं थी। यह रसोई, घरेलू कामों और बच्चे पैदा करने तक ही सीमित थी। उन्हें शिक्षा के अधिकार से भी वंचित रखा गया था। उन परिस्थितियों में भी महिलाओं के पास खुद के लिए कुछ समय होता था और शारीरिक गतिविधि उनके दैनिक कर्तव्यों के अलावा एक अतिरिक्त काम था।
इंदु मान कहतीं हैं कि अबक्षसमय के साथ चीजें बदल गई हैं। महिलाएं अब आगे हैं और कई क्षेत्रों में पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं और वह भी घरेलू कर्तव्यों से समझौता किए बिना। इन नौकरियों में अक्सर लंबे समय तक बैठना और शारीरिक गतिविधि कम करना शामिल होता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसलिए, कुछ शारीरिक गतिविधियों के लिए भी समय निकालना समय की मांग है।कई लोगों को लगता है कि महिलाओं के लिए योग के फायदे एक मिथक हैं, लेकिन यह सच नहीं है।
वह बतातीं है कि नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, योग का अभ्यास करने वाले लगभग 92.16% लोगों ने पाया है कि योग ने उनकी जीवनशैली को अच्छे के लिए बदल दिया है।