नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म होने के बाद से पहली बार यूरोप के 27 सांसदों का दल राज्य का दौरा करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि सांसदों का यह दल जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाक़ों में जाकर ज़मीन सच्चाई देखेगा। जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले इस दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाक़ात की।
ये सांसद ब्रिटेन, फ़्रांस, जर्मनी और पोलैंड के हैं। कहा जा रहा है कि ये कोई आधिकारिक दौरे पर नहीं बल्कि निजी हैसियत से आए हैं। सोशल मीडिया पर ये बात भी कही जा रही है कि इनमें से ज़्यादातर सांसद दक्षिणपंथी विचार के क़रीब हैं। इस दौरे में भारत के एनएसए दफ़्तर की अहम भूमिका बताई जा रही है।
इससे पहले भारत ने अमरीकी सीनेटर क्रिस वान हॉलेन के कश्मीर जाने के अनुरोध को ठुकरा दिया था। विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सीपीएम ने कहा है कि भारतीय नेताओं और सांसदों पर कश्मीर जाने को लेकर सरकार ने पाबंदी लगा रखी है और विदेशी सांसदों को जाने दे रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा है, ”यूरोप के सांसदों का जम्मू-कश्मीर में एक निर्देशित दौरे का स्वागत किया जा रहा है जबकि भारतीय सांसदों के जाने पर पाबंदी लगी है।”