@शब्द दूत ब्यूरो (03 जून 2024)
राजस्थान के बूंदी जिले के पक्षी प्रेमी किसान हेमराज मीणा की कहानी कुछ अलग ही है, जहां एक और हम आज के युग में पक्षियों के घरोंदो को तोड़ते हैं, और आधुनिक जमाने में बाहर से लाकर खरीद कर उन घरौंदो को घर के बाहर या मकान में लगा देते हैं । लेकिन बूंदी जिले के नैनवा खंड के पिपरवाला गांव निवासी किसान हेमराज मीणा का पक्षी प्रेम, वनस्पति प्रेम, शुरू से ही है।
प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमी हेमराज मीणा कबाड़ से इन पक्षियों के लिए घरौंदे बनाते हैं जिसमें प्लास्टिक की पीपी, प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक के अन्य सामान और, लोहे के टिन, सूखी हुई बड़ा आकार लोकी आदि को पक्षियों के छोड़े बड़े घोसलों में परिवर्तित कर , पेड़ों पर टांग देते हैं, मेड की तार बंदी पर टांग देते है , जिसमें पक्षी आकर बैठते हैं और उन घरौंदो में अपना परिवार बढ़ाते हैं।
हेमराज मीणा पेड़ पौधों सहित अपने खेत की तारबंदी वाली मेड पर लगभग ढाई हजार से 3000 घरौंदे ने पक्षियों के लिए बना चुके हैं। इन घरोंदो को बनाने और पक्षियों का संरक्षण दाने-पानी की व्यवस्था में उनके परिजन और उनके मित्र गण साथ देते हैं। हेमराज मीणा की यह पक्षी प्रेम की कहानी सभी को रास आई ,उनके ग्रामीण और उनके मित्र परिजन इसमें अब उनका हाथ बटाने लगे हैं, इतना ही नहीं घरौंदे निर्माण के साथ-साथ पक्षी प्रेमी किसान हेमराज मीणा उनके लिए दाने की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था करने में, अपनी पूरी टीम की मदद लेते हैं।
आखिरकार हेमराज मीणा का यह पक्षी प्रेम इस कदर हावी है कि पक्षी भी इसे प्रेम करते हैं। और इनका पक्षी प्रेम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते । गौरैया हो या कबूतर या फिर अन्य पक्षी चिडियाएं सभी इन घोसलों में आकर अंडे देते हैं, रहते हैं अपना परिवार बढ़ाते हैं ,और इसी हेमराज मीणा के खेत के आसपास रहकर अपना जीवन यापन करने कर खुश नजर आते हैं ।
हेमराज मीणा बताते हैं कि शुरू से ही मुझे पक्षियों की सुरक्षा संरक्षण करना बहुत अच्छा लगता है, इनको संरक्षण देना ,दाने-पानी की व्यवस्था, उनके लिए घरौंदे बनाना मुझे बहुत अच्छा लगता है, तभी तो आज पेड़ों से लेकर मेरी खेत की मेड़ पर जुगाड़ किए हुए कबाड़ से, मैने पक्षियों लिए घरौंदे बनाए जिनमें यह रहकर अंडे देते हैं और अपने बच्चे परिवार को बढ़ा रहे हैं ,मुझे बहुत अच्छा लगता है, मन को सुकून मिलता है। जब तक जिऊंगा अपने मित्रों के साथ परिजनों के साथ इन पक्षियों की सेवा करता रहूंगा ।
पक्षी प्रेमी किसान हेमराज मीना से सीख लेकर ,अब अन्य लोगों को भी पक्षियों के लिए किस प्रकार प्रेम जागने की आवश्यकता है । इसका बड़ा उदाहरण किसान हेमराज मीणा जो बूंदी के नैनवा उपखंड निवासी पीपरवाला गांव के हैं, जो उन्होंने कर दिखाया है । शायद हम सभी करें तो इस प्रकृति के बदलते हुए सन्तुलन को भी संतुलित किया जा सकता है।