@शब्द दूत ब्यूरो (04 मई 2024)
कैथल। महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नहीं है । महिलाएं आज जहां कार, बस चलाने के साथ साथ हवाई जहाज तक उड़ा रही है । वही महिलाएं खेती को आधुनिक तरीके से करके प्रति वर्ष लाखो रुपए कमा रही है।इस का जीता जागता उदाहरण कैथल जिला के कस्बा कलायत के गांव क्लासर की 30 वर्षीय प्रगतिशील महिला किसान पूजा आर्य ने पेश किया है।
एक बातचीत में महिला किसान पूजा ने कहा कि लगभग छह वर्ष पूर्व कैथल के कृषि विज्ञान केंद्र से आधुनिक जैविक एवं प्राकृतिक कृषि सबंधी कई ट्रेनिंग प्राप्त की और उस ने अपने चार एकड़ के खेत में भारी सब्सिडी प्राप्त कर खेती करना शुरू कर दिया। उस ने अपने तीन एकड़ खेत में तीन पोली हाउस लगवाकर उस में खीरे की खेती करनी शुरू दी और एक एकड़ में खुली जैविक सब्जियों की खेती करना शुरू कर दिया ।
महिला किसान ने बताया कि उस के खेत में तीन एकड़ में लगे पोली नेट हाउस में खीरे की फसल उगाकर वह प्रति वर्ष 15 लाख रूपए से भी अधिक की अच्छी आमदनी कमाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहीं है।इस के साथ साथ वह कई महिला मजदूरों को रोजगार भी दे रही है।उस ने शुरू में पहले एकड़ में पोली नेट हाउस से खेती का काम शुरू किया और धीरे धीरे मैंने खेती को बढ़ाते हुए तीन एकड़ में पोली नेट हाउस लगाकर खीरे की खेती शुरू कर दी। अपने खेत में केंचुए की जैविक खाद तैयार करने और पानी की बचत करने के लिए अपने खेत में खीरे की फसल की सिंचाई ड्रीपिंग सिस्टम से करना शुरू कर दिया ।
पूजा ने कहा कि यह बात बिलकुल सही है कि मेहनत करने वालो की कभी हार नही होती। पूजा ने बताया कि वह अपने खेत में खीरे और अन्य सब्बजियो की बिजाई से लेकर खेत के सभी काम और फसल की मार्केटिंग तक वह खुद करती है। वह पुरुषो की तरह कसी से काम करती हैं और खेत में ट्रैक्टर चलाकर खेती के काम करती है। उस ने बताया कि उस ने कुछ गाये भी रखी हुई है। रासायनिक खादों से तैयार की गई सब्जियों और अन्य फसलों से सेवन से कैंसर और अन्य गंभीर बीमारिया बढ़ रही है इस लिए किसानो को रासानिक खेती को छोड़ कर जैविक एवं प्राकृतिक खेती की और बढ़ना चाहिए। जिस से वह खुद भी और पूरे देश की जनता पूरी तरह से स्वस्थ रहेगी।