@शब्द दूत ब्यूरो (21 अप्रैल 2024)
IPL 2024 का इस साल जब 17वां सीजन शुरू हुआ था, तब हर बार की तरह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के फैंस को इस बार भी अपनी टीम से उम्मीदें थीं. लेकिन टीम ने हर साल की तरह इस सीजन भी टीम ने उन्हें निराश किया. इस सीजन में आधे लीग मुकाबले खेले जा चुके हैं और RCB अपनी छवि के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए, 7 में से सिर्फ 1 मैच जीतकर पॉइंट्स टेबल पर आखिरी स्थान पर बनी हुई है. टीम में विराट कोहली, ग्लेन मैक्सवेल और फाफ डुप्लेसी जैसे बड़े नाम होने के बावजूद RCB का प्रदर्शन इतना बुरा रहा कि फैंस इस सीजन को भुलाना ही चाहेंगे. आखिर ऐसा क्या है, जो टीम से कई बड़े नाम जुड़े होने के बाद भी RCB 17 सालों में एक भी ट्रॉफी नहीं जीत पाई है? CSK के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए खेल चुके धुरंधर बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने बताया है कि इसके पीछे कौन है.
RCB की नीतियां खराब
रॉबिन उथप्पा ने एक पॉडकास्ट पर बात करते हुए RCB की हार का विश्लेषण किया है. बता दें कि उथप्पा भी बेंगलुरु के लिए 2009 और 2010 में खेल चुके हैं और अब उन्होंने फ्रेंचाइजी की कुछ मूल समस्याओं के बारे में बात की, जिसके कारण वह IPL ट्रॉफी से अभी तक दूर है. रॉबिन उथप्पा ने मैनेजमेंट की नीतियों को RCB की असफलता का सबसे बड़ा कारण बताया.
उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट कभी भी अपने खिलाड़ियों को रोककर नहीं रखती है. फ्रेंचाइजी ने भविष्य को सोचकर कभी एक टीम नहीं बनाई और हमेशा अपने अच्छे खिलाड़ियों को जाने दिया. धाकड़ स्पिनर युजवेंद्र चहल इसका सबसे ताजा उदाहरण हैं. इसके पहले केएल राहुल, मयंक अग्रवाल और वो खुद, जो लोकल खिलाड़ी हैं, इस पिच अच्छे से समझते हैं, इसका शिकार हो चुके हैं. इसके अलावा ट्रेविस हेड, जिन्होंने इस सीजन तूफानी बल्लेबाजी कर रहे हैं, उन्हें भी जाने दिया गया.
2007 वर्ल्ड कप विनर ने होम ग्राउंड का फायदा नहीं उठा पाने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइजी ने कभी अपने होम कंडिशन के हिसाब से टीम नहीं चुनी और हमेशा से विजिटिंग के लिए आसान पिच दिया, जिसकी वजह से प्ले ऑफ में क्वालिफाई करना उनके लिए मुश्लिक रहा. इस साल भी बेंगलुरु को अपने घर पर सिर्फ एक मुकाबले में ही जीत मिली है.
अनुभवी खिलाड़ियों की कमी
उथप्पा ने मौजूदा सीजन में टीम के प्रदर्शन को लेकर कहा कि किसी भी टीम को अनुभव की सबसे ज्यादा जरुरत मुश्किल स्थिति में पड़ती है और अंत के ओवर में सबसे अधिक प्रेशर होता है. जबकि RCB के ज्यादातर अनुभवी खिलाड़ी टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे हैं. कोई भी खिलाड़ी टीम की भलाई के लिए अपनी कुर्बानी नहीं दे रहा है, इससे टीम को हार का सामना करना पड़ रहा है.