@शब्द दूत ब्यूरो (12 अप्रैल 2024)
देहरादूनः उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के लोगों का मानना है कि देवभूमि के सबसे चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड और सेना में अल्पकालिक भर्ती की अग्निपथ योजना का इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मत प्रतिशत पर असर पड़ेगा क्योंकि पिछले कुछ सालों से युवा वर्ग में पार्टी के खिलाफ नाराजगी है।
चमोली जिले के निवासी अंकित नेगी ने कहा कि सेना में भर्ती होना यहां के हर युवा की प्राथमिकता होती है, खासकर पहाड़ी या ग्रामीण इलाकों के युवाओं की। उन्होंने कहा, ”प्रत्येक युवा के लिए आठ साल (17 से 25 वर्ष) महत्वपूर्ण होते हैं जो यह तय करते हैं कि उन्हें जीवन में कहां जाना है। यह कदम व्यक्ति और उसके परिवार का भविष्य भी तय करता है। लेकिन अग्निपथ योजना के शुरू होने के बाद युवा वर्ग में काफी गुस्सा है।” नेगी ने कहा, ”पहाड़ी इलाकों में रहने वाले युवा अपनी शारीरिक ताकत के लिए जाने जाते हैं। यहां का हर युवा सेना को अपने करियर विकल्प के रूप में चुनने को लेकर काफी उत्साहित रहता है, लेकिन भाजपा इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही है और यह उनके चुनावी एजेंडे में भी शामिल नहीं है, जिसके चलते यहां के ज्यादातर युवा पार्टी के लिए मतदान करने के पक्ष में नहीं हैं।” पौड़ी जिले के निवासी अभिनव पटवाल ने कहा कि दो साल पहले घोषित हुई अग्निपथ योजना से युवा वर्ग में नाराजगी है। उन्होंने कहा, ”हम पर जो योजना थोपी गई और हमने इसका बहुत विरोध किया और अपनी नाराजगी जताई।”
पटवाल ने कहा, ”हमने कई तरीकों से केंद्र सरकार के साथ योजना के बारे में अपने विचार साझा करने का भी प्रयास किया है। हमारे मन में स्पष्ट है कि यदि योजना को रद्द नहीं किया गया तो हम भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे।” केंद्र सरकार ने जून 2022 में अग्निपथ योजना की शुरू की थी। इसके तहत देश की तीनों सेवाओं में युवाओं की भर्ती की जाती है। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखा जाएगा। श्रीनगर (उत्तराखंड) के निवासी उमेश राणा ने कहा कि युवा अग्निपथ योजना से “परेशान” हैं, जबकि महिलाएं अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ऋषिकेश के पास स्थित एक होटल में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट थी, लेकिन साल 2022 में होटल के मालिक और उसके दो साथियों ने कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी थी। गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले की रहने वाली शिखा गुसाईं ने कहा, ”भंडारी हमारी बेटी थी, लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है। हर राजनीतिक दल हर चुनाव प्रचार में महिला सुरक्षा की बात करता है, लेकिन अगर हमारी बेटियों या बहनों के साथ ऐसा होगा तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी…” यहां तक कि चमोली जिले के कर्णप्रयाग में कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेता भी इस बात से सहमत हैं कि जब मतदाता वोट डालने जाएंगे तो उनके दिमाग में ये दो मुद्दे होंगे।
स्थानीय कांग्रेस नेता ईश्वरी प्रसाद मैखोरी ने कहा कि पार्टी इन मुद्दों को जोर-शोर से उठा रही है। उन्होंने कहा, ”भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ना चाहती है, लेकिन इस विषय पर उसने ध्यान नहीं दिया और इसे अपने चुनावी एजेंडे में भी शामिल नहीं किया। पहाड़ी राज्य के युवा इसे चुपचाप देख रहे हैं और वे 19 अप्रैल को होने वाले मतदान में इसका जवाब देंगे।” कांग्रेस पार्टी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से भंडारी हत्याकांड मामले की जांच कराने की मांग कर रही है। स्थानीय भाजपा नेता हरीश सती ने कहा, ”हम यह मानते हैं कि चुनाव पर इन मुद्दों का असर पड़ेगा क्योंकि उत्तराखंड में लोग सेना की नौकरियों और अंकिता भंडारी मामले से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। हालांकि, भाजपा द्वारा किेये गये विकास कार्य भी यहां अहम भूमिका निभाएंगे।” पौड़ी निवासी नरेश शर्मा ने कहा, ”भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि 2014 के लोकसभा चुनाव में युवाओं ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसके बाद एक दशक के बाद भाजपा सत्ता में आई थी। 2014 के बाद से एक और दशक बीत चुका है और अग्निपथ योजना का देश भर के चुनावों पर प्रभाव पड़ेगा, जबकि भंडारी मामले से निश्चित रूप से पार्टी को नुकसान पहुंचेगा।” उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा।