@शब्द दूत ब्यूरो (12 अप्रैल 2024)
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की तस्वीर अभी भी नहीं बदली है. शेख शाहजहां, शिबू हाजरा, उत्तम सरदार की गिरफ्तारी के बाद भी तस्वीर नहीं बदली है. एक बार फिर इलाके की महिलाएं सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रही हैं. शुक्रवार सुबह से ही ये तस्वीर सामने आ रही है. पहले महिलाओं ने जमीन हड़पने, महिला उत्पीड़न जैसी शिकायतें की थीं. अब 100 दिन के काम के पैसे को लेकर शिकायत सामने आई है. जिन्होंने काम किया है, उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है, लेकिन जो काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें पैसा मिल रहा है. संदेशखाली में इस तरह के आरोप लगाये गये हैं.
इस बार महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ नहीं, बल्कि अपने अधिकारों की मांग को लेकर सड़क पर उतरी हैं. महिलाओं ने 100 दिनों के काम के पैसे के भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया है.
संदेशखाली के ब्लॉक नंबर 1 से संबंधित नित्यबेरिया के निवासियों ने शिकायत की कि साल 2022 में उन लोगों ने 16 दिन काम किया गया था. आरोप है कि 100 दिनों के काम का पैसा स्थानीय टीएमसी के नेताओं के परिवारों को बांट दिया गया. सवाल यह है कि यह कैसे हुआ? कुछ लोगों का कहना है कि 16 दिन काम करने वाले 78 लोगों को अब तक पैसे नहीं मिले हैं.
100 दिनों के काम के पैसे नहीं मिलने पर प्रदर्शन
केंद्र द्वारा 100 दिन के काम का बकाया नहीं देने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के कोष से पैसा देने का फैसला किया है. जिन लोगों ने 100 दिन काम किया है, उन्हें वह पैसा पिछले फरवरी के आखिरी हफ्ते से मिलना शुरू हो गया है, लेकिन अब उसी पैसे के भुगतान को लेकर शिकायत सामने आई है.
एक ग्रामीण ने सूची दिखाते हुए कहा, ”अमल कुमार दास ने अपने जीवन में कभी भी 100 दिन काम नहीं किया, उन्हें भी रुपये मिलते थे. वरुण दास की पत्नी अपर्णा दास को भी रुपये मिले. वे नहीं जानते कि मिट्टी का क्या करें. उसके खाते में पैसे भी आये. हर कोई ठंडे कमरे में बैठता है और तय करता है कि पैसा किसे मिलेगा.” उन्होंने दावा किया कि बड़ाबाबू के पास जाने से भी कोई फायदा नहीं हुआ.
तृणमूल नेता भास्कर मित्रा ने आरोप से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ”वे गलतफहमियां हैं. मुख्यमंत्री ने खाते में पैसा दे दिया है. भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शनों को हवा दी जा रही है.
क्या बदल जाएगा टीएमसी का उम्मीदवार, अटकलें तेज
इस बीच, बीजेपी ने संदेशखाली के लोकसभा सीट बशीरहाट से संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा के नाम की घोषणा की है. उनके नाम के ऐलान के बाद अटकलें शुरू हुई गई हैं. यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि टीएमसी अपना उम्मीदवार बदल सकती है. तृणमूल उम्मीदवार हाजी नुरुल गंभीर रूप से बीमार पड़ गये. इसके बाद से ही उम्मीदवार बदलने की अटकलें शुरू हो गई हैं. सुनने में आ रहा है कि बीमारी ज्यादा बिगड़ने पर उम्मीदवार बदला जा सकता है.
इस बीच, हाजी नुरुल ने आज सुबह एक फेसबुक वीडियो के जरिए सभी को बधाई दी. इस वीडियो को दिखाकर फॉलोअर्स दावा कर रहे हैं कि नुरुल पूरी तरह से स्वस्थ हैं. लेकिन अगर बीमारी बढ़ गई तो क्या होगा? तब उम्मीदवार बदलने की संभावना रहेगी.
गौरतलब है कि हाजी नुरुल बीमार थे और कुछ दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें बुखार के लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया था. बाद में पता चला कि उन्हें फेफड़ों में संक्रमण है. उनका इलाज आईसीयू में किया गया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था.