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पिंकी हत्याकांड :40 लाख मुआवजे की मांग, 48 घंटों में हो खुलासा, लोगों में भारी आक्रोश, पुलिस प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती, मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन चौकन्ना, कई हिरासत में, पूछताछ जारी

मृतका पिंकी रावत की फाइल फोटो

काशीपुर । बीते रोज गिरीताल रोड स्थित मोबाइल शो रूम की सेल्स गर्ल की हत्या को लेकर आज सुबह से ही पुलिस प्रशासन को पर्वतीय समाज तथा अन्य संगठनों के लोगों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा। आक्रोशित जनता हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी तथा मृतका के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की मांग को लेकर अड़ गयी। दोनों मांगे पूरी न होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया जिससे पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। बता दें कि कल 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का काशीपुर दौरा है। मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पूर्व शहर की स्थिति बिगड़ने की आशंका से प्रशासन आक्रोशित लोगों को शांत करने की कोशिश में लगा रहा।

आज सुबह हजारों लोग पोस्टमार्टम हाउस पर जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। एस एस आई विनोद जोशी ने वहाँ मौजूद लोगों को पोस्टमार्टम की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने के लिए काफी देर तक तक मनाया। बड़ी मुश्किल से शव का पंचनामा कराने पर लोग राजी हुए। इस बीच मेयर ऊषा चौधरी जैसे ही वहाँ पहुंची लोगों ने उनके विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। पहले तो मेयर को अंदर नहीं जाने दिया बाद पर्वतीय समाज के कुछ वरिष्ठ नेताओं के कहने पर ऊषा चौधरी मृतका की माँ के पास पहुंची और उन्हें सांत्वना दी हालांकि इस बीच उनके विरुद्ध नारेबाजी चलती रही और उनकी बात सुनने को कोई राजी नहीं था। बाद में एएसपी डा जगदीश चंद्र भी वहां आये लेकिन आक्रोशित भीड़ का शोर जारी रहा। मौके पर अफरा-तफरी बनी रही।

पर्वतीय समाज के वरिष्ठ नेताओं को भी विरोध का सामना करना पड़ा। बड़ी मशक्कत के बाद उग्र लोग खासतौर पर महिलाओं को शांत रहने के लिए मनाया गया। इस बीच कुछ लोगों ने वहाँ राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम हाउस से पिंकी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मार्च शुरू कर दिया और नारे बाजी करते हुए चीमा चौराहे पर पहुंच कर जाम लगा दिया। स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए आसपास के क्षेत्रों से पुलिस बल बुलाया गया। जाम की सूचना मिलने पर उपजिलाधिकारी मौके पर आये और 48 घंटों में हत्याकांड का खुलासा करने का आश्वासन दिया तब लोगों ने जाम खोल दिया। पोस्टमार्टम हाउस पर जमा लोगों में दुकान स्वामी मनीष चावला को लेकर भी आक्रोश था लोगों का कहना था कि इतने बड़े शो रूम में सीसीटीवी कैमरा न होना भी संदेहास्पद है। मृतका की बुआ आशा देवी ने मुआवजे की घोषणा न होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने को कहा तो वह पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।

मौके पर पहुंचे विधायक चीमा व मेयर ऊषा चौधरी

इस बीच विधायक हरभजन सिंह चीमा पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे तो जनता का गुस्सा उनके ऊपर फूट पड़ा और भीड़ में महिलाओं तथा अन्य लोगों ने उनके विरुद्ध नारेबाजी करनी शुरू कर दी। अपने विरूद्ध नारेबाजी से विधायक चीमा कुछ असहज नजर आये। उग्र महिलाओं का कहना था कि हत्याकांड को डेढ़ दिन बीत चुके हैं और विधायक अब नजर आये हैं। विधायक चीमा ने हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि परिजनों को न्याय दिलाने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस दौरान वहाँ कुछ लोग राजनैतिक बयानबाजी करने लगे जिससे स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ने की आशंका उत्पन्न हो गई। 

इस बीच विधायक हरभजन सिंह चीमा ने मृतका के अंतिम संस्कार के लिए 5हजार रुपये अपनी ओर से दिए। जैसे ही लोगों को इस बात का पता चला तो उनका आक्रोश बढ़ गया। विधायक द्वारा दिए गए पांच हजार रुपये वापस करने लोग उनके पीछे गये तब तक विधायक वहाँ से जा चुके थे। 

एसडीएम लोगों को समझाते हुए

काफी देर तक शव के अंतिम संस्कार न करने के लिए लोग अड़े रहे। देवभूमि पर्वतीय महासभा के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जीना तथा पूर्व अध्यक्ष बीडी कंडवाल ने आक्रोशित जनता को समझाने की कोशिश करते हुए उन्हें मनाने की कोशिश की। बाद में एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को दिया गया जिसमें 48 घंटों में में हत्याकांड का खुलासा तथा मृतका के परिजनों को 40 लाख का मुआवजा जिसमें 20 लाख दुकान स्वामी तथा 20 लाख शासन से दिलवाये जाने की मांग की गई है। उपजिलाधिकारी ने ज्ञापन लिया तब कहीं जाकर शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हुये। इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। 

मृतका के मां बाप

उधर पुलिस ने लगभग आधा दर्जन लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। मृतका के मोबाइल पर आई आखिरी काल करने वाले एक युवक को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया है। वहीं पुलिस उस युवक की भी तलाश में हैं जो पिछले कई दिनों से उसे धमकी दे रहा था। दुकान मालिक मनीष चावला भी इस मामले में हिरासत में है। 

मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पूर्व हो रहे इस बवाल से पुलिस में हड़कंप मचा है। पुलिस ने कई टीमें हत्याकांड के खुलासे को बनाई है। इस हत्याकांड की मॉनीटरिंग देहरादून डीजीपी स्तर और मुख्यमंत्री कार्यालय से की जा रही है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कल काशीपुर दौरे पर इस संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिल सकता है। ऐसी संभावना के चलते पुलिस प्रशासन के लिए यह हत्याकांड एक चुनौती साबित हो रहा है।

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