@शब्द दूत ब्यूरो (07 अप्रैल 2024)
हरियाणा के फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक युवक के शव को उसके परिजन लेकर भागने लगे. युवक ने फांसी लगाकर सुसाइड की थी. डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था. सूचना पुलिस को दी गई थी. पोस्टमार्टम के लिए शव को लेना था लेकिन परिजन शव देने से मना कर रहे थे. काफी देर तक पुलिस और परिजनों के बीच शव को लेकर खींचतान होती रही.
मृतक का भाई शव को कंधे पर लेकर भाग खड़ा हुआ. पुलिस ने उसे बामुश्किल रोका. मृतक ने घर में फांसी लगाई थी. उसने सुसाइड क्यों की इसकी जांच की जा रही है. परिजन भी कुछ बता नहीं पा रहे हैं. मृतक की उम्र 16 साल की है. परिजन भी जांच की मांग कर रहे हैं. काफी देर तक हुए हंगामे से अस्पताल में सनसनी मची रही.
फांसी के फंदे पर लटका था शव
दीपांशु नगला एनक्लेव रामपाल मंडी के पास का रहने वाला था.उसने शनिवार देर शाम घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. घटना के समय उसके पिता राजेश मां नम्रता और भाई देव घर पर नहीं थे. दीपांशु का बड़ा भाई देव जब घर पर पहुंचा तो वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ था. आनन-फानन में शव को फांसी के फंदे से उतारा. उसे अपने कुछ दोस्तों के साथ बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे. आपातकालीन विभाग में तैनात डॉक्टर हितेश नागर ने दीपांशु को मृत घोषित कर दिया.
शव को लेकर भागा भाई
घटना की जानकारी बादशाह खान सिविल अस्पताल प्रशासन ने नजदीकी पुलिस चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों से की. जिससे शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया जा सके, लेकिन पुलिस के पहुंचते ही मृतक दीपांशु का बड़ा भाई देव और अपने कुछ साथियों के साथ मृतक के शव को कंधे पर उठाकर भागने लगे. वह चिल्ला रहे थे कि दीपांशु जिंदा है. वह उसे किसी निजी अस्पताल में ले जाकर दिखाना चाहते हैं. अस्पताल में पहुंचे पुलिसकर्मियों और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें समझाया कि दीपांशु की मौत हो चुकी है. उसका कानूनी प्रक्रिया के तहत पोस्टमार्टम किया जाना है.
बीएससी फर्स्ट ईयर का था छात्र
मृतक के पिता राजेश ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं, जिनमें दीपांशु सबसे छोटा था. वह बीएससी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा था. वह खुद एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड है. उनकी पत्नी भी घर चलाने के लिए एक कंपनी में काम करती है. उन्होंने बताया कि दीपांशु घर पर अकेला था. उसने किन कारणों से फांसी का फंदा लगाया उन्हें नहीं पता. वह चाहते हैं कि पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच करें ताकि यह पता चल सके कि उनके बेटे दीपांशु की आत्महत्या की क्या वजह है.