@शब्द दूत ब्यूरो (03 अप्रैल, 2024)
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में अध्यपकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे कितने स्कूल है जिनमें टीचरों की कमी है। ऐसे कितने स्कूल हैं जिनमें छात्र नहीं हैं और ऐसे कितने स्कूल है जिनके भवन जीर्णशीर्ण हालत में है। कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर तलब की है। कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पिथौरागढ़ जनपद में 292 ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें एक-एक शिक्षक नियुक्त हैं। याचिका के मुताबिक कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 11, 21, 24 हैं लेकिन उनमें अध्यापक नहीं हैं। कुछ स्कूलों के भवन खस्ताहाल हैं जो कभी भी गिर सकते हैं। याचिका में कहा गया कि सरकार उनके बच्चों के भविष्य से खेल रही है।
जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति कराई जाए और स्कूल भवनों को सुधारा जाए। सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि जिन स्कूलों में छात्र नही हैं और जिनमें छात्रों की संख्या कम रह गई है उनको दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। ताकि छात्रों के भविष्य को सुधारा जा सके।