शब्द दूत ब्यूरो
टिहरी। हादसे को न्योता कैसे दिया जाता है, अगर ये देखना हो तो टिहरी जिले के प्रतापनगर में रौलाकोट से कोटी कॉलोनी तक ट्रेलर से टिहरी बांध की झील पार करने की जद्दोजहद करती जनता को ही देख लें। डोबरा चांठी पुल के समय पर न बन पाने का खामियाजा भुगत रही है प्रतापनगर की जनता। यह सबको दिखाई दे रहा है पर सत्ता को भी देखना होगा
हादसा होने पर हताहतों को सरकारों के द्वारा मुआवजा दे दिया जाता है। लेकिन हादसा होने से पहले रोकने के लिए रकम खर्च करने से पहले फाइलों से गुजरती है योजनायें और समय लग जाता है। जबकि हादसा होने में देर नहीं लगती। और हादसे के बाद मुआवजे के लिए फाइलों की जरूरत भी नहीं पड़ती। ये बिडम्बना नहीं तो और क्या है?शब्द दूत को मिले इस वीडियो को सरकार को भी देखना जरूरी है।
वर्तमान में उत्तराखंड सरकार भी क्या हादसा होने के बाद मुआवजा बांटने को तैयार है। लगता तो ऐसा ही है। शब्द दूत को मिला यह वीडियो क्या सरकार का ध्यान खींच पायेगा? इस खबर में सरकार की आलोचना नहीं है पर सरकार की आलोचना संभावित हादसे के बाद तो होगी।