मुरादाबाद लोकसभा सीट पर पिछले 24 घंटे से चल रहा सस्पेंस अब साफ हो चुका है. ये तय हो गया है कि यहां से एसटी हसन नहीं बल्कि सपा उम्मीदवार रुचि वीरा होंगी. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि रुचि वीरा नामांकन भी दाखिल कर चुकी हैं और सपा की ओर से जो उन्हें आधिकारिक पत्र दिया गया है, उसे रिटर्निंग ऑफिसर को सौंप चुकी हैं.
समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद से एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया था. तब तक रुचि वीरा बिजनौर से टिकट की मांग कर रही थीं. बिजनौर में उनकी दाल गली नहीं, तो रुचि वीरा ने मुरादाबाद की ओर रुख किया और एसटी हसन का नामांकन दाखिल होने के बावजूद सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया. माना जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ये फैसला आजम खान के दबाव में लिया है. रुचि वीरा आजम खान की करीबी मानी जाती हैं. उन्होंने ही रुचि वीरा की 2023 में सपा में दोबारा एंट्री कराई थी, जब उन्हें बसपा से निकाला गया था.
बिजनौर से विधायक रह चुकी हैं रुचि वीरा
रुचि वीरा ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी. वह मूल रूप से बिजनौर की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई लिखाई मुरादाबाद में हुई. 60 साल की रुचि वीरा ने 1982 में मुरादाबाद के हिंदू डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. उन्होंने अपना प्रोफेशन खेती बताया है. रुचि वीरा के पति का नाम उदय वीरा है, जो खेती करते हैं. वह 2014 से 2017 तक बिजनौर से विधायक रह चुकी हैं. हालांकि इसके अलावा उन्हें किसी चुनाव में सफलता नहीं मिली.
पिछली बार वह बसपा के टिकट पर बिजनौर विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरी थीं, लेकिन जीत नहीं सकीं थीं, इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में वह आंवला से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2017 और 2012 में भी बिजनौर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं लेकिन जीत नहीं सकीं. हालांकि 2012 में उन्होंने हारे वाले विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह के 2014 में सांसद बनने के बाद यहां उप चुनाव हुए और रुचि वीरा ने जीत हासिल की.
10 साल में 8 गुना बढ़ी संपत्ति, अब 25 करोड़ का साम्राज्य
मुरादाबाद से सपा की उम्मीदवार घोषित की गईं रुचि वीरा का 25 करोड़ रुपये का साम्राज्य है. 2022 विधानसभा चुनाव में उनके द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे में उन्होंने अपनी 25 करोड़ 86 लाख रुपये की संपत्ति का जिक्र किया था. सबसे खास बात ये है कि जब वह 10 साल पहले 2012 मे सपा के टिकट पर बिजनौर से चुनाव लड़ीं थीं, तब उन्होंने 3 करोड़ 86 लाख रुपये की संपत्ति का ब्योरा हलफनामे में दिया था. रुचि वीरा पर 3 क्रिमिनल केस भी हैं.
सपा ने किया था निलंबित, फिर बसपा ने भी निकाला था
रुचि वीरा पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते काफी विवादों में भी रहीं. यही कारण था कि 2015 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था. रुचि वीरा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप था. इसके बाद उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया था. पिछले साल पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा ने भी उन्हें निलंबित किया और उसके बाद आजम खां ने रुचि वीरा की समाजवादी पार्टी में वापसी कराई.