@विनोद भगत
लोकसभा चुनावों की तिथि घोषित हो चुकी है। भाजपा का प्रत्याशी भी घोषित हो चुका है। हम बात कर रहे हैं नैनीताल लोकसभा क्षेत्र की। उत्तराखंड की यह महत्वपूर्ण लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। भाजपा ने इस सीट को कब्जे में लेकर कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है।
भाजपा ने निवर्तमान सांसद अजय भट्ट को फिर से उतारा है। प्रत्याशी चयन में भाजपा ने बाजी मार ली है। अपने ही अंतर्विरोधों में उलझी कांग्रेस के लिए प्रत्याशी चयन यहां से टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में जीत की कांग्रेस की संभावना भी क्षीण होती नजर आ रही है। एक माह के भीतर वोटिंग भी होनी है। मतदाता के सामने कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा? ये तय न हो पाना कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित होने जा रहा है।
बात अगर करें दावेदारी की तो पूर्व विधायक रंजीत रावत फिलहाल सबसे आगे नजर आ रहे हैं। वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का भी नाम चर्चा में है। विधायक भुवन कापड़ी को भी नैनीताल लोकसभा सीट का दावेदार माना जा रहा है। चर्चा तो यह भी है कि ऊधमसिंहनगर में भाजपा से निष्कासित एक वरिष्ठ नेता का भी नाम कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस पूर्व भाजपा नेता की हिंदूवादी छवि के चलते इन्हें कांग्रेस अपनी पार्टी से प्रत्याशी घोषित कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो नैनीताल लोकसभा क्षेत्र का यह चुनाव अपने आप में काफी दिलचस्प हो जायेगा। पार्टी सूत्रों की अगर मानें तो ज्यादा संभावना इसी बात की जताई जा रही है। दरअसल कांग्रेस पिछले चुनाव में यहां से पांचों सीटें गंवा चुकी है। ऐसे में राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस कम से कम उत्तराखंड में अपना खाता खोल सके इसके लिए यह रणनीति अपनाई जा सकती है।
लेकिन पार्टी के मौजूदा वरिष्ठ और दावेदार नेताओं को मनाया जाना कांग्रेस हाईकमान के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। इसीलिए दिल्ली में गंभीर मंथन चल रहा है। यदि इस पूर्व भाजपा नेता की दावेदारी पर पार्टी नेताओं के बीच सहमति बनी तो नैनीताल ऊधमसिंहनगर लोकसभा क्षेत्र में दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा।
बहरहाल कौन होगा प्रत्याशी यह अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। संभावना है कि सोमवार या मंगलवार तक प्रत्याशी का चेहरा सामने आ जायेगा।