शब्द दूत ब्यूरो
काशीपुर /देहरादून। सिंचाई खंड काशीपुर में हुये घोटालों पर वित्त विभाग बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। साथ ही अन्य कई विभागों में हुये घोटालों को एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। इन सभी विभागों में हाई रिस्क ऑडिट होगा ताकि घोटालों की गहराई से पता लगाया जा सके। हाई रिस्क ऑडिट के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
शब्द दूत को मिली जानकारी के अनुसार सिंचाई खंड काशीपुर में भारी वित्तीय अनियमितताओं और टीडीएस कटौती के मामले में काफी घालमेल की बात सामने आई है। और इन मामलों में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने को लेकर भी सवाल उठे थे। कई ऐसे निर्माण हुये हैं जिनमें स्वीकृत धनराशि से अधिक खर्च किया गया है। जांच और एफ आई आर के बावजूद मामले को दबा दिया गया। इससे मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का मखौल उड़ रहा था। सरकारी धन के दुरुपयोग का यह मामला अपने आप में गंभीर है। हाई रिस्क ऑडिट होने के बाद घोटाले में शामिल रहे अधिकारियों की हकीकत सामने आ जायेगी।
वित्त विभाग का भी मानना है कि सामान्य आडिट में कई बार सिर्फ आडिट की दृष्टि से ध्यान दिया जाता है जबकि हाई आडिट रिस्क में घोटाले की हर संभावना को लेकर बारीकी से जांच की जाती है। ऐसे में घोटालेबाजों के बचने की संभावना नहीं रह जाती है। उच्च जोखिम लेखा परीक्षा के लिए ऑडिट विभाग ने अपनी तरफ से दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इन निर्देशों में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि हाई रिस्क ऑडिट में घपले और घोटालों की आशंका को ध्यान में रखते हुए भी ऑडिट किया जाए।
काशीपुर सिंचाई खंड के साथ ही इस हाई रिस्क ऑडिट के रडार पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय देहरादून और उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण हरिद्वार, प्रभारी चिकित्साधिकारी कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय रुद्रपुर, पीटीए शिक्षक एवं अन्य शिक्षकों के मामले नादेही चीनी मिल और डोईवाला चीनी मिल तथा बीएचएल गृह निर्माण समिति हरिद्वार आदि हैं जहाँ हाई रिस्क ऑडिट होना है।
शब्द दूत विगत 25 जून 2019 को काशीपुर सिंचाई खंड में हुये घोटाले पर विस्तृत रिपोर्ट दे चुका है।