
विनोद भगत
काशीपुर । नगर का प्रसिद्ध पौराणिक और ऐतिहासिक तीर्थ स्थल गिरीताल या गिरीसरोवर। इसे गिरीसरोवर इसलिए भी कहा जाता था कि इसके सरोवर में गिरि मतलब पहाड़ का प्रतिबिम्ब नजर आता था। एक समय था यह पौराणिक स्थल नगर ही नहीं बाहर से आने वालों इसका प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें आकर्षित करता था। पर आज वही गिरीसरोवर अपनी दुर्दशा के लिए प्रसिद्ध हो रहा है।

अगर आप स्वच्छता अभियान से पहले का गिरीताल देखेंगे तो आपको आज के गिरीताल को देखकर वह तस्वीर झूठी लगेगी। पर यह अपने आप में कड़वी सच्चाई है। और इस सच्चाई को स्वीकार करना ही होगा। गंभीर प्रश्न तो यह है कि क्या स्वच्छता अभियान के दावे करने से पहले के गिरीताल का स्वरूप लौट पायेगा और लौट भी पायेगा तो कैसे? खाली भाषण से या दो चार बार हाथ में झाड़ू लेकर तस्वीरें खिंचवा के।
सरोवर के साफ पानी की जगह सतह पर गंदगी नजर आ रही है। सरोवर के चारों ओर अगर आप घूमें तो आपको अपनी नाक बंद करनी पड़ेगी। हिंदी प्रेम सभा कमेटी द्वारा संचालित इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन स्थिति सुधरने के बजाए बिगड़ती जा रही है।
कमेटी अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता राजवीर सिंह खोखर बताते हैं कि कमेटी अपने सीमित संसाधनों के चलते इस स्थल को नगरवासियों के लिए बेहतर पर्यटन स्थल बनाने का प्रयास करती है। लेकिन प्रशासन व शासन की बेरुखी की वजह से दिक्कतें आ रही है। उन्होंने बताया कि सरोवर में गिर रहे गंदे पानी को लेकर कई बार वह कह चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सरोवर के पूर्व की तरफ कुछ लोगों द्वारा एक मंदिर बनाकर अवैध कब्जा कर लिया गया है। कमेटी अध्यक्ष श्री खोखर ने बताया कि इस अवैध कब्जे को लेकर एएसपी को लिखित में दिया जा चुका पर कब्जा हटाने के नाम पर पुलिस खानापूर्ति कर देती है। कमेटी अध्यक्ष का कहना है कि यदि शासन प्रशासन कोई कार्रवाई इस अवैध कब्जे को लेकर नहीं करता तो वह इसके लिए हाई कोर्ट में पी आई एल दाखिल करेंगे।
गिरीताल की जमीन पर चामुंडा मंदिर के सामने रखे गये कई अवैध खोखों को भी हटाया जायेगा। उन्होंने कहा कि कृष्णा अस्पताल के अलावा सरोवर के चारों ओर से नालियों का पानी सीधे सरोवर में जा रहा है। जिसके लिए कमेटी के द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोई लाभ नहीं होता है।
दुकानें बनाने का प्रस्ताव
कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि गिरीसरोवर के चारों ओर दुकानें बनाने का प्रस्ताव है। फिलहाल 14 दुकानें प्रस्तावित है। जिनके नक्शे तैयार है। जल्द ही नक्शे पास कराके दुकानों का निर्माण आरंभ किया जायेगा। सरकारों द्वारा समय-समय पर गिरीताल के सौंदर्यीकरण के लिए जो धनराशि आती है अगर कार्यदायी संस्था ईमानदारी से उसका उपयोग करती तो स्थिति बदली हुई होती।