@विनोद भगत
उत्तराखंड में निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराने की भाजपा की रणनीति काम कर जायेगी। दरअसल निकाय चुनाव स्थानीय मुद्दों पर होते हैं। उत्तराखंड में निकाय चुनावों में अपनी सफलता को लेकर भाजपा आशंकित नजर आ रही थी। ऐसे में भाजपा को यह डर सता रहा था कि निकाय चुनाव अलग से कराने पर मोदी मैजिक का असर कम देखने को मिलेगा।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि प्रदेश में निकायों की कार्यशैली को लेकर जनता में नाराज़गी है। ऐसे में निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की नैया पार लग जानी काफी मुश्किल थी। लोकसभा चुनाव में आम मतदाता मोदी मैजिक के चलते भाजपा को ज्यादा पसंद करता है। राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरे टर्म के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में मतदाता चुनेंगे। स्वयं नरेन्द्र मोदी कह चुके हैं कि वह तीसरी बार देश की जनता की सेवा के लिए आ रहे हैं।
ऐसे में निकाय चुनावों की वैतरणी पार करने के लिए भाजपा ने एक सोची-समझी रणनीति पर काम करते हुए निकाय चुनाव में भी सफलता का फार्मूला निकाला है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का मानना है कि मोदी मैजिक बरकरार रहेगा। इसी दौरान लगे हाथों निकाय चुनाव करा लिये जाये ताकि मोदी मैजिक के साथ राम मंदिर निर्माण जैसे भावनात्मक मुद्दों के सहारे प्रदेश के निकायों में भी सफलता का परचम लहराया जा सके।