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90 साल की कंपनी, खूब लगाया ‘चूना’… कहानी टोबैको किंग के साम्राज्य की

@शब्द दूत ब्यूरो (01 मार्च 2024)

कानपुर के टोबैको किंग बंशीधर के काले कारनामों का कच्चा चिटठा अब खुलने लगा है. इनमकम टैक्स विभाग की 20 से अधिक टीमें बंशीधर के काले साम्राज्य को उधेड़ने में जुटी हैं. पांच राज्यों में लगातार 36 घंटे से चल रही रेड में इतनी नगदी मिली है, जो कंपनी की घोषित इनकम से भी ज्यादा है. इसके अलावा करोड़ों रुपये कीमत की गाड़ियां व अन्य सामान भी कब्जे में लिए गए हैं. इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस कंपनी ने अपना कुल टर्न ओवर महज 25 करोड़ रुपये दर्शाया है.

हालांकि अब तक की रेड में ही 150 करोड़ रुपये से भी अधिक के कारोबार का खुलासा हो चुका है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बंशीधर की कंपनी से महज 25 करोड़ का ही कारोबार वैधानिक तरीके से और वास्तविक बिल पर्ची से होता था. वहीं बाकी कारोबार फर्जी बिल, कच्ची एंट्री और फर्जी चेक के जरिए हो रहा था. इससे यह कंपनी हर साल करोड़ों रुपये का टैक्स चोरी कर रही थी. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक बंशीधर ने साल 1931 में छोटी सी दुकान से अपना कारोबार शुरू किया और आजादी के बाद इसने अपने कारोबार को पहले कानपुर में फैलाया.

विदेशों में भी कारोबार

इसके बाद उसने नई दिल्ली में अपना हेड ऑफिस बनाया और देश के पांच से अधिक राज्यों में कारोबार शुरू कर दिया. 80 के दशक में इस कंपनी का कारोबार कई देशों में फैल गया. इनकम टैक्स के अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक इस कंपनी का सालाना टर्न ओवर 300 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकता है. हालांकि अभी तक महज 150 करोड़ के कारोबार की पुष्टि हुई है. 36 घंटे से जारी तफ्तीश के दौरान अधिकारियों को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे कई और रहस्यों का खुलासा हो सकता है.

80 के दशक में ब्रांड बन गई कंपनी

इसके लिए टीमें लगातार कंपनी के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं. उनके बिल पर्चियों और अन्य रिकार्डों का मिलान किया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक यह कंपनी शुरू से ही तंबाकू का ही कारोबार करती रही है. पहले यह कंपनी तंबाकू की साबूत पत्तियों को बेचती थी. बाद में इन पत्तियों को काटकर और फिर पॉलीथीन में पैक कर बिक्री होने लगी. बताया जा रहा है कि 70-80 के दशक में इस कंपनी ने अपना ब्रांड बनाया और फिर कई गुटखा कंपनियों को भी यह माल की आपूर्ति करने लगी.

दिल्ली वाले घर से बरामद हुई 60 करोड़ की गाड़ियां

इसी समय में कंपनी ने अपना हेड ऑफिस दिल्ली बनाया था. उसी समय बंशीधर के परिवार के लोग भी दिल्ली आ गए थे. हालांकि कानपुर में पहले की ही तरह कारोबार चलता रहा. इस समय इस कंपनी का संचालन केके मिश्रा के बेटे शिवम कर रहे हैं. दिल्ली में उनके वसंत विहार स्थित बंगला नंबर D7/9 पर भी इनकम टैक्स विभाग की रेड हुई है, जहां से 60 करोड़ रुपये कीमत की लग्जरी गाड़ियां, और करीब इतनी ही कीमत के अन्य सामान बरामद हुए हैं. यह सभी चीजें शिवम, उनके पिता केके मिश्रा और बंसीधर टोबैको कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड हैं.

अहमदाबाद में मेन कारखाना

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक कई साल पहले इस कंपनी ने अपना मेन कारखाना कानपुर से अहमदाबाद शिफ्ट कर दिया था. कानपुर में अब उत्पादन का छिटपुट काम होता है. वहीं अहमदाबाद के कारखाने से देश के कई राज्यों में माल की सप्लाई के साथ विदेशों में भी कंसाइनमेंट भेजा जाता है. करीब एक साल पहले आयकर विभाग को इसकी भनक लगी थी. उसी समय से विभाग गोपनीय तरीके से इस कंपनी के अंदर होने वाले सभी तरह के लेन देन पर नजर रख रहा था.

इन स्थानों पर हो रही छापेमारी

उचित अवसर देखकर गुरुवार की सुबह एक साथ कंपनी के सभी ठिकानों पर रेड शुरू कर दी गई. इस समय कंपनी मालिक के दिल्ली स्थित आवास, अहमदाबाद स्थित फैक्ट्री, नयागंज स्थित ऑफिस में छापेमारी चल रही है. 20 से अधिक टीमें कंपनी और उसके मालिक के आय और व्यय, मौजूद एसेट्स और उनके रिकार्ड का मिलान कर रही हैं. इसके लिए टीम ने कंपनी के सभी दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कंप्यूटर आदि अपने कब्जे में लिया है.

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