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उत्तराखंड :नेता प्रतिपक्ष के उपवास को विपक्षी हताशा बताते हुए भाजपा ने गिनायी सरकार की उपलब्धियां

देहरादून।  भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा डेंगू व स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक दिवसीय उपवास को कांग्रेस का दुष्प्रचार करार दिया। साथ ही इसे  पंचायत चुनाव में कांग्रेस को दिख रही हार की निराशा बताया । भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ देवेन्द्र भसीन ने कहा कि  कांग्रेस के समय प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ चौपट हो चुकी थी व विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त था।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष व अन्य कांग्रेस नेताओं को कोई आरोप लगाने से पहले कांग्रेस शासन के समय की स्वास्थ्य सुविधाओं को देख लेना चाहिए था जो पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई थी ।आज स्थिति बिल्कुल बदली हुई है। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए। ब्लड प्लेटलेट्स की व्यवस्था की गई। नगर निकायों के माध्यम से सफाई कराई गई और फोगिंग कराई गई। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई।सर्दियों में होने वाले एच-1 एन-1 इन्फ्लुऐंजा से बचाव के लिए अभी से तैयारियां करने व लोगों को इस संबंध में जागरूक करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। 

 भाजपा मीडिया प्रमुख ने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने बड़ी संख्या में डाक्टरों की तैनाती पर्वतीय क्षेत्रों में की है। वर्तमान में 2045 चिकित्सक तैनात किए गए हैं जबकि पूर्व में केवल 1081 थे। इसके अलावा 159 दंत चिकित्सकों की नियुक्ति भी की गई है।उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को विस्तारित करते हुए अटल आयुष्मान योजना लागू की है। इसमें राज्य के समस्त परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। 

अटल आयुष्मान योजना में क्लेम को लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों पर जिस तरह शिकंजा कसा गया है उसको राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी सराहा है। 

प्रदेश में अब तक 33 लाख गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। 70 करोड़ रुपये, मरीजों के उपचार पर खर्च हो चुके हैं। 74 हजार लोगों को उपचार का लाभ मिला है। 350 क्लेम हर दिन निस्तारित किए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर बीमारियों की स्क्रिनिंग व उपचार के लिए राज्य में 169 हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। डॉ भसीन ने कहा कि संस्थागत प्रसव, मातृृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बालिका लिंगानुपात, टीकाकरण आदि तमाम हेल्थ इंडेक्स में बहुत सुधार हुआ है। संस्थागत प्रसव 50 प्रतिशत से बढ़कर 71 प्रतिशत हो गए हैं। मातृ मृत्यु दर 84 अंकों की कमी के बाद 285 प्रति लाख  से घटकर 201 प्रति लाख हो गई है। शिशु मृत्यु दर में 6 प्रति हजार की कमी आई है। यह 38 प्रति हजार से घटकर 32 प्रति हजार हो गई है। यह गिरावट भारत के समस्त राज्यों में सबसे अधिक है।

वर्ष 2015-16 में लिंगानुपात 906 प्रति हजार था जो कि 2018-19 में बढ़कर 938 प्रति हजार हो गया है। भारत सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के शीर्ष 10 राज्यों में उत्तराखण्ड में लिंगानुपात में सबसे अधिक सुधार हुआ है। प्रदेश में विगत दो वर्षों में बच्चों में टीकाकरण 87 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गया है। टेली रेडियोलाॅजी के माध्यम से सूदूरवर्ती 35 चिकित्सा इकाईयों में एक्स-रे, सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई. व मेमोग्राफी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

अब तक प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों समेत चार जनपदों के जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा है। वर्तमान में दून, हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों समेत पिथौरागढ़, पौड़ी, उत्तरकाशी और टिहरी में आईसीयू की सुविधा शुरू कर दी गई है।  उन्होंने बताया कि सरकार का प्रत्येक जनपद में जिला अस्पतालों में आईसीयू वार्ड स्थापित करने पर फोकस है।

जल्द ही नौ जिलों में आईसीयू स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल और दून मेडिकल कॉलेज में आईसीयू सेंटर खोलने की कवायद शुरू कर दी है। इन आईसीयू सेंटरों में आधुनिक उपकरणों व अन्य सुविधाओं के लिए विश्व बैंक पोषित और एनएचएम के माध्यम से बजट का प्रावधान किया जाएगा। प्रदेश में  संचालित सभी 35 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष से जोड़ा गया है। 

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