काशीपुर । गोविषाण किले के आसपास अतिक्रमण को लेकर पुरातत्व विभाग ने पुलिस और प्रशासन पर ठीकरा फोड़ा है। विभाग के अधिकारी का कहना है कि अतिक्रमण को लेकर नोटिस की कापी पुलिस व प्रशासन को भी भेजी जाती है।
गोविषाण के चारों ओर प्रतिबंधित क्षेत्र में इतने अतिक्रमण कैसे हो गये? इस सवाल के जवाब में पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक अभिषेक सैनी ने देहरादून से फोन पर वार्ता करते हुए शब्द दूत को बताया कि विभाग द्वारा अतिक्रमण कर निर्माण की सूचना मिलने पर नोटिस दिया जाता है। नोटिस की कापी स्थानीय पुलिस व प्रशासन को भी कार्रवाई के उद्देश्य से भेजे जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि 2010 से 2018 तक ऐसे तमाम नोटिस की सूचना आईटीआई थाने को भी दी गई है।
पुरातत्व सहायक ने बताया कि कार्रवाई करना तो दूर पुलिस व प्रशासन ने नोटिस की कापी रिसीव करने से ही अब इंकार कर दिया। उसके बावजूद रजिस्टर्ड डाक से भी पुलिस को नोटिस की कापियां भेजी जाती रही है। इसके बावजूद पुलिस विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके परिणामस्वरूप गोविषाण के प्रतिबंधित क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो गये।
पुरातत्व सहायक की मानें तो गोविषाण क्षेत्र में हुये अतिक्रमण की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस व प्रशासन पर भी है।