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उत्तराखंड में औंधे मुंह गिरी आयुष्मान योजना, घोटाले में सबसे लंबी एफआईआर का रिकॉर्ड कायम होगा

 मनोज श्रीवास्तव 

काशीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुचर्चित आयुष्मान योजना औंधे मुंह गिरती नजर आ रही है। कम से कम उत्तराखंड के संदर्भ में तो यही कहा जा सकता है। हां इस योजना में एक रिकॉर्ड कायम हो रहा है। वह रिकार्ड है सबसे लंबी एफआईआर का जो कि काशीपुर में लिखी जा रही है। 

देश के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। लेकिन घोटालेबाजों ने इस योजना को बदनाम करके रख दिया है। ऐसे लोग इस घोटाले में शामिल हैं जो प्रधानमंत्री के प्रबल समर्थक भी हैं। प्रधानमंत्री ने तो देश की गरीब जनता के लिए यह योजना लांच की थी। 

देवकीनंदन हॉस्पिटल के स्वामी डॉक्टर पुनीत बंसल के खिलाफ अटल आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होने के बाद यहां फेहरिस्त और भी लंबी हो गई । आस्था हॉस्पिटल के डॉक्टर राजीव गुप्ता जनसेवा अस्पताल के विशाल हुसैन अली नर्सिंग होम के डॉक्टर अली एवं देवकीनंदन अस्पताल के स्वामी डॉक्टर पुनीत बंसल अब तक फर्जीवाड़े के अभियुक्त बनाए गए हैं लेकिन मजे की बात है कि धोखाधड़ी के सभी आरोपी खुली हवा में घूम घूम कर आज भी चिकित्सीय पेशे को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। राजकीय चिकित्सालय के समीप  अस्पताल चला रहे डॉक्टर पर कानून की तलवार लगातार लटक रही है माना जा रहा है कि अटल आयुष्मान योजना में प्रदेश के अंदर सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने वाले उक्त डॉक्टर के खिलाफ भी एक-दो दिन के भीतर अभियोग पंजीकृत कर लिया जाएगा।

कटोराताल चौकी में उक्त चिकित्सक के खिलाफ लिखा पढ़ी का क्रम लगातार जारी है। इसी तरह सूत्रों की मानें तो जसपुर अड्डे के समीप एक नामी-गिरामी अस्पताल के संचालक ने कानून से अपनी गर्दन बचाने के लिए जोड़-तोड़ कर लिया है। हालांकि कलई खुलने पर उक्त डॉक्टर के खिलाफ भी अभियोग पंजीकृत होने की संभावनाएं प्रबल है। अटल आयुष्मान योजना में कूट रचित दस्तावेज तैयार कर क्लेम हासिल करने का ताना-बाना बुनने के साथ ही सरकार के राजस्व में सेंधमारी करते हुए नियम विपरीत काम करने के आरोपों में राजकीय चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर नवप्रीत कौर सहोता डॉ राजीव गुप्ता तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ विकास गहलोत को अब तक स्वास्थ्य महानिदेशक के निर्देश पर टर्मिनेट किया जा चुका है। यहां बता दें कि अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने में प्रदेश में सबसे अव्वल काशीपुर रहा है। 

आयुष्मान के नाम से संचालित हॉस्पिटल यहां रोगियों तथा तीमारदारों के लिए सबसे बड़ी फजीहत का कारण बना है। हालिया खुले इस अस्पताल को लोग प्रथम दृष्टया अटल आयुष्मान योजना से जोड़कर देखते हैं और यही वह गफलत के शिकार हो जाते हैं। जबकि इस अस्पताल का मौजूदा समय में अटल आयुष्मान योजना से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है अस्पताल के स्वामी कानून के कटघरे में आ चुके हैं ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों को समय रहते इस ओर गौर करने की आवश्यकता है।

राजकीय चिकित्सालय में निजी अस्पताल के दलालों का जमावड़ा लगातार जारी है। यह दलाल सरकारी अस्पताल में आए रोगियों को गुमराह कर उन्हें कमीशन खोरी के चक्कर में प्राइवेट अस्पतालों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अस्पताल की कुछ लोगों की सांठगांठ से यह गोरखधंधा निर्विघ्नं तरीके से चल रहा है जिसमें माहवार सरकार के राजस्व को लाखों की हानि हो रही है।

और तो और चर्चा यह भी है कि गंभीर रोगियों अथवा दुर्घटनाग्रस्त लोगों को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल पहुंचाने वाले एंबुलेंस कर्मी रोगियों को राजकीय चिकित्सालय छोड़ने की बजाय प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचाने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी ओर आज भी गवर्नमेंट हॉस्पिटल का मुख्य द्वार एंबुलेंस की मंडी के रूप में तब्दील है।

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