नैनीताल। मैं सीबीआई की हर कार्रवाई का सामना करने को तैयार हूँ। और सीबीआई को कोई ऐसा मौका नहीं दूंगा जिससे सीबीआई यह कह सके कि गिरफ्तारी से व्यक्ति भाग रहा है या पूछताछ से भाग रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आज कहा कि वह कल भी नैनीताल में ही रहेंगे और अपनी हर पल की लोकेशन देते रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी फेसबुक पोस्ट में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि मेरे वहीं खाते हैं, मेरे पास वहीं एकाउन्ट हैं, जो मैंने इनकम टैक्स या चुनाव लड़ते वक्त चुनाव आयोग को प्रस्तुत किये हैं, कोई भी जांच कर लें। सम्पत्ति घटी होगी, बड़ी भी होगी। मेरा किसी देश में कोई एकाउन्ट नहीं है। मुख्यमंत्री बनने के बाद, मैंने अपना पासपोर्ट भी रिन्यू नहीं करवाया है।
उन्होंने कहा कि नैनीताल मैं, आप सबके भरोसे जा रहा हूँ। मेरे पास बड़े वकील खड़ा करने के लिये साधन नहीं है। इसलिये अपने दोस्तों से काम चला रहा हॅू और मुझे न्याय व न्यायालय पर भरोसा है और उससे कई गुना अधिक भरोसा लोकतंत्र के न्याय पर है। जिसके आप स्वामी हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आप यह जरूर देखें कि, इस तथाकथित स्टिंग में, मैं क्या कुछ रूपये का आदान-प्रदान कर रहा हॅू? भाव-ताव कर रहा हॅू? आवश्यकता बता रहा हॅू? नहीं ना, हमको तो आप इतने विधायक दे दीजिये, जब कोई आपसे बात करता है, मन की बात उगलवाने के लिये भी आप कुछ कहते हैं और यही तो सरकार गिराने के लिये षड़यंत्र हुआ था। उस षड़यंत्र के विषय में, मुझे उत्सुकता हो सकती है और वो उत्सुकता सही साबित भी हुई। स्टिंगकर्ता ने स्वयं बताया है कि, मेरी सरकार एक साजिशन गिराई गई है और उस साजिश के सूत्रधार का नाम भी बताया है और यह भी कहा कि, लेन-देन भी हुआ है।
हरीश रावत कहते हैं कि यह स्वभाविक है, जो विधायक भा.ज.पा. में सम्मिलित हुये, वे कोई महात्मा गाॅधी जी के अनुयायी नहीं थे। उनमें से एक विधायक तो वो थे जिनके विषय में स्वंय स्टिंगकर्ता ने कहा है कि, फलां-फलां व्यक्ति ही सारी सैटिंग करता था, अर्थात मुख्यमंत्री के घर में एक सैटर बैठा हुआ था। उसने स्वयं ही उसका नाम सैटर कहा है। एक षड़यंत्र था। खूबसूरत षड़यंत्र था, एक सामान्य उत्तराखण्डी व्यक्ति के तौर पर, दूसरे की भावनाओं का आदर करने का जन्मजात गुण होने के कारण, मैं षड़यंत्रकारियों के ट्रैक में आ गया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आप सबका आर्शीवाद रहा, माॅ नन्दा-सुनन्दा, पाषाण देवी माॅ का आर्शीवाद रहा, तो ये सारा स्टिंग षड़यंत्र सिद्ध होगा और षड़यंत्रकारी बेनकाब होंगे। मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि, मुझसे कोई गलत काम नहीं हुआ होगा, मगर मैं इतना अवश्य कहना चाहता हॅू, मैंने आपकी कीमत पर कोई, किसी तरीके का, अपनी सेवा के बदले, पैसे का भाव-दाव नहीं किया, न मेरे किसी परिवार के निकटस्त व्यक्ति ने किया है। इधर राज्य में कई और स्टिंग भी हुये हैं, जिनमें सत्ता के निकटस्थ लोगों के जो आज भी निकटस्त बने हुये हैं, काम के बदले दाम वसूल रहे हैं।