शब्द दूत ब्यूरो
देहरादून । नगर निगम में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के मामले को लेकर सरकार में अब घमासान शुरू हो गया है। शहरी विकास विभाग और शिक्षा मंत्रालय के बीच तनातनी की खबरें हैं।
सूत्र बताते हैं कि शहरी विकास विभाग का यह निर्णय शिक्षा विभाग को नागवार लगा। अपने सख्त निर्णयों के लिए जाने जाते हैं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे। जबकि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी सरकार में अपनी पहचान एक कद्दावर मंत्री के रूप में बनाये हुए हैं। पर शहरी विकास विभाग के निर्णय को सीधे पलट कर अरविंद पांडे ने बाजी मार ली है। शहरी विकास विभाग के इस फैसले का राज्य भर में विरोध किया गया था। खास तौर पर शिक्षकों में इन नियुक्तियों को लेकर प्रबल विरोध किया गया। ऐसे में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के सहायक नगर आयुक्त पद पर शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाने का चारों ओर स्वागत किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो शिक्षकों की नियुक्ति पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की रजामंदी थी। अब एक तरह से यह मुख्यमंत्री का विरोध भी माना जा रहा है। दरअसल मंत्रीमंडल के अधिकांश मंत्री यह जानते हैं कि निजाम बदलने जा रहा है। पिछले दिनों यशपाल आर्या की नाराजगी भी जगजाहिर है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर मंत्रिमंडल में जबरदस्त विरोध है। दिल्ली से भी इस बात के संकेत मिल रहे हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के आज के फैसले को दिल्ली में बैठे एक भाजपा नेता ने समर्थन किया है।
एक खास बात यह है कि ऊधमसिंहनगर के एक युवा विधायक लंबे समय से मंत्रिमंडल में शामिल होने की बाट जोह रहे हैं। लेकिन उपेक्षा से वह भी नाराज हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हाईकमान से हरी झंडी न मिलना भी त्रिवेंद्र सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है।