जयपुर। राजस्थान की गहलौत सरकार मजबूत हुई है। बसपा के छह विधायकों ने कांग्रेस में शामिल होकर बड़ा उलटफेर किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक कुशलता से बसपा को यह झटका दिया है।
कांग्रेस में शामिल एक विधायक ने कहा कि उन्होंने ऐसा अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए किया है। बता दें कि ये सभी विधायक अबतक बाहर से कांग्रेस को समर्थन दे रहे थे।कांग्रेस में शामिल हुए बीएसपी विधायक जोगिंदर सिंह ने कि वे सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वह बोले, ‘यहां हमारे सामने बहुत सी परेशानियां हैं। एक तरफ हम उनकी सरकार का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।’ जोगिंदर सिंह अवाना ने आगे कहा, ‘ऐसे में अपने क्षेत्र के विकास के बारे में सोचते हुए, अपने लोगों का भला सोचने हुए हमने यह कदम उठाया है।
इस पूरे घटनाक्रम में खास बात यह रही कि देर रात तक बसपा के प्रदेश अध्यक्ष सीताराम मेघवाल के साथ प्रदेश प्रभारी धर्मवीर तक को इस बात की हवा तक नहीं लगी। जब इन दोनों से पूछा गया तो उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया।विधानसभा में गहलाेत सरकार का नंबर गेम मजबूत हुआ, कांग्रेस विधायकाें की संख्या अब 106 हो गई है। इस विलय से साफ मैसेज गया है कि गहलाेत ने सियासत के सबसे बड़े जादूगर हैं। उनका कोई विकल्प नहीं है।
कांग्रेस में शामिल बसपा विधायकाें काे मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि इससे कांग्रेस के भीतर भी संघर्ष होगा। लेकिन 2008 में गहलोत यह संतुलन साध चुके हैं।
उपचुनाव और निकाय चुनाव में कांग्रेस को इस विलय का फायदा मिलेगा, क्योंकि बसपा के जो 6 विधायक कांग्रेस में आए हैं, उनका जातिगत फैलाव काफी मजबूत है। इसका फायदा मिलेगा।