एजेंसी की रिपोर्ट
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वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक चिंताजनक रिपोर्ट भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आ रही है लेकिन राहत की बात यह है कि चीन के मुकाबले भारत आगे है। आईएमएफ के प्रवक्ता ने कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ”काफी कमजोर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हालांकि कहा कि इसके बावजूद भारत चीन से बहुत आगे और विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यस्था बना रहेगा।
आईएमएफ प्रवक्ता गेरी राइस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है।
गौरतलब है कि आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गयी। यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल- जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।