@शब्द दूत ब्यूरो (29 अगस्त 2023)
काशीपुर। त्योहारों की तिथि को लेकर इन दिनों भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना आम बात हो रही है। रक्षा बंधन पर्व को लेकर भी 30 व 31 अगस्त अलग अलग दिन बताये जा रहे हैं। हालांकि अधिकांश विद्वानों का मत है कि 30 अगस्त को भद्रा काल होने की वजह से रक्षा बंधन पर्व मनाया जाना उचित है।
इसी भ्रामक स्थिति को स्पष्ट करते हुए काशीपुर नागन शक्ति मंदिर के मुख्य पुजारी पं विजय जोशी से शब्द दूत ने बात की। पं विजय जोशी ने स्पष्ट किया कि हिंदू शास्त्रों व प्राचीन पंचांग के अनुसार 31 अगस्त को ही रक्षा बंधन मनाया जाये। उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों द्वारा लिखे जा रहे पंचांग की वजह से हिन्दू त्यौहार को लेकर भ्रामक स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी पंचांग लेखकों को एकमत होकर त्यौहारों के विषय में एक तिथि शास्त्रानुसार घोषित करनी चाहिए।