शब्द दूत ब्यूरो
देहरादून। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। आयोग ने मुख्यमंत्री को चुनावी कार्यक्रम भेज दिया है।
अब चुनाव कब होंगे यह प्रदेश सरकार को तय करना है। यहां बता दें कि कि हाईकोर्ट ने भी 30 नवंबर तक पंचायत चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के सख्त आदेश दिये हैं।
इस सबके बीच सरकार अभी तक जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण तय नहीं कर पायी है। पंचायत चुनाव कार्यक्रम में देरी सरकार की वजह से हो रही है। दरअसल सरकार को जो चुनाव कार्यक्रम निर्वाचन आयोग ने दिया है वह तभी लागू हो पायेगा जब सरकार सहमति दे।
पंचायतें तीन स्तरों पर बंटी हुई है। इसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत के अलावा जिला पंचायत के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की मंशा है कि 20 अक्टूबर तक पंचायत चुनाव के तीनों चरण पूरे हो जायें। ताकि बाद में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव कराये जायें।
पंचायतें तीन स्तरों पर बंटी हुई है। इसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत के अलावा जिला पंचायत के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की मंशा है कि 20 अक्टूबर तक पंचायत चुनाव के तीनों चरण पूरे हो जायें। ताकि बाद में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव कराये जायें।
गौरतलब है कि इस बार ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने पर भी अभी विचार चल रहा है। मतलब हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में में देखा जाय तो पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में सरकार अभी सुस्त चाल से चल रही है।
ऐसे में सरकार पर इन चुनावों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं कि आखिर सरकार की मंशा इन चुनावों को जल्द कराने की है भी या नहीं।
एक पेंच और है और वह यह कि कुछ जिलों में वोटर लिस्ट का काम भी पूरा नहीं हुआ है। सरकार द्वारा किए गए परिसीमन की वजह से इसमें दिक्कतें आ रही है।