मनोज त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रतापगढ़। विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है सभी दल राजनीति की बिसात सजाने में जुटे है। जिले में राजनेताओं का तांता लगा हुआ है। प्रतापगढ़ विधानसभा को अपने पाले में लाने की जोड़तोड़ जारी है। इसी क्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी आज प्रतापगढ़ में कांग्रेस के उप चुनाव प्रत्याशी डॉ नीरज तिवारी के पक्ष में कार्यकर्ताओ को एकजुट करने और उनसे विचार विमर्श को पहुचे।
प्रमोद तिवारी मीडिया से भी मिले। इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर अथर्व्यवस्था चरमरा गई, जीडीपी लगातार गिरती जा रही है और 5% पर आ गई है। रुपये की कीमत भी लगातार गिरती जा रही है डॉलर के मुकाबले 71, 72 और 73 रुपये प्रति डॉलर तक पहुच गई। बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है 45 वर्षो में आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। भाजपा ने इस देश को तबाही और गर्त में पहुच दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कानून व्यवस्था खराब हो चुकी है सरकार का इस पर नियंत्रण नही है, हत्या, सामूहिक हत्या और बलात्कार पूरे प्रदेश में आम हो रहा है। बिजली का दाम अनावश्यक रूप से बढ़ाया जा रहा है, खासतौर से योगी सरकार में दो बार बढ़ाया गया। पेट्रोल डीजल के दाम पूरी दुनिया मे कम है, लेकिन यूपी सरकार ने दाम बढ़ा दिए है। आने वाला चुनाव हम बिजली, डीजल और पेट्रोल के बढ़े दाम, बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था और जिस तरह ये छुट्टा जानवर किसानों को नुकसान पहुचा रहे है लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट जब आया तो मैं राज्यसभा में था। मुझे सेलेक्ट कमेटी में कांग्रेस ने मेम्बर बनाया था। जहाँ मैंने इसका विरोध किया मैने कहा था कि हेलमेट के दाम के बराबर चालान काटकर हेलमेट दीजिये, दो या तीन सवारी चल रहा है तो उसे वार्निंग दीजिये इसके बाद भी नही मान रहा है तो उसका लाइसेंस निरस्त करिए। लेकिन सरकार हर जगह लोगो को निचोड़ रही है।
सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि हर जगह सरकार लोगो की जेब में डाका डाल रही है डीजल हो या पेट्रोल हर तरह से सरकार लोगो से वसूल रही है और वसूलने वाले भी वसूल रहे है। जितने का वाहन नही उतने का जुर्माना वसूला जा रहा है जो हमारा चुनाव का बड़ा मुद्दा रहेगा। प्रमोद तिवारी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि 2008 में मनमोहन सरकार ने चंद्रयान 2 को स्वीकृति दी थी। 11 साल की अथक मेहनत के बाद काफी कुछ उसने अपना मिशन पूरा किया पूरी तरह सफल नही हुआ, हमसब आशा करते है कि जल्द ही विक्रम से सम्पर्क हो जाएगा और वैज्ञानिकों की मेहनत वैसे ही सफल होगी जैसे कांग्रेस के समय मे जैसे चंद्रयान 1 और मंगल अभियान सफल हुआ था।