@शब्द दूत ब्यूरो (26 जून 2023)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका और मिस्र की अपनी यात्रा से स्वदेश लौट आये हैं। इस बीच पीएम मोदी की इन देशों की यात्रा काफी चर्चाओं में रही। अमेरिका में एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर और उसके बाद मिस्र में उनकी एक ऐतिहासिक मस्जिद में जाना। पीएम मोदी की मिस्र की यात्रा कुछ मायनों में खास है। दरअसल मिस्र की मस्जिद में जाकर पीएम मोदी ने भारतीय संविधान के अनुरूप काम किया है। एक तरह से अगर यह कहें मिस्र की यात्रा से भारत के सेक्युलर होने की अवधारणा को बल मिला है।
मिस्र की यात्रा के दौरान मस्जिद का काफी जिक्र और चर्चा हुई लेकिन इसी मिस्र में 4500 साल पुराना सूर्य मंदिर भी मिला था। जिसकी इस दौरे में बिल्कुल भी चर्चा नहीं हुई।
आइये आपको बताते हैं कि मिस्त्र में सूर्य मंदिर कितने है और किस हाल में हैं?
वहां के पुरातत्व विभाग ने तीन साल पहले मिस्र में एक और पुराना सूर्य मंदिर ढूंढ निकाला जो कि 4500 साल पुराना स है। जो अवशेष मिले हैं उन्हें देखकर अनुमान लगाया गया कि जा रहा है कि कच्ची ईंटों से बना यह बिल्डिंग एक ‘सूर्य मंदिर’ का है जो कि प्राचीन मिस्र के 5वें साम्राज्य (2465 to 2323 BC) का हो सकता है। इससे पहले, पिछले साल भी मिस्त्र में एक सूर्य मंदिर के अवशेष मिले थे।
मिस्र के पुरावशेष और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार यह ज्वाइंट इटालियन-पॉलिश आर्कियोलॉजिकल मिशन है. जो कि एक राजा के मंदिर पर काम कर रही है। इस मंदिर के नीचे कच्ची ईंटों की एक बिल्डिंग के अवशेष मिले । मंत्रालय ने कहा कि यह बिल्डिंग पांचवें साम्राज्य के खोए हुए सूर्य की 4 मंदिरों में से एक हो सकती है जिसका उल्लेख कई ऐतिहासिक किताबों में किया गया है।
मिस्र के उत्तरी इलाके में खुदाई करने वाले पुरातत्वविद अबुसीर को सबसे पहले फैरोह न्यूसिरी इनी द्वारा बनाया गए इन सूर्य मंदिरों के बारे में पता चला था, जिन्होंने 25वीं शताब्दी ईसा पूर्व में लगभग 30 वर्षों तक शासन किया था। इसके बाद ही पता चला था कि देश में और भी सूर्य मंदिर हैं, जिसके बाद पूरे देश में इन मंदिरों की खोज शुरू कर दी गई थी।
माना जाता है कि यह छह सूर्य मंदिरों में से एक है। मिस्र में छह ऐसे और मंदिर हैं, जो 4500 साल पहले बनवाए गए थे। उनमें से एक अभी अबु गोराब के रेगिस्तान में मिला है। मिस्र में अब तक कुल दो प्राचीन सूर्य मंदिरों की खोज की जा चुकी है।