Breaking News

रवीश कुमार को बेखौफ पत्रकारिता के लिए पहला गौरी लंकेश पुरुस्कार

शब्ददूत ब्यूरो

रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 22 सितंबर को पहला गौरी लंकेश मैमोरियल अवॉर्ड दिया जायेगा। इस अवॉर्ड की घोषणा बीते पांच सितंबर को दिवंगत पत्रकार गौरी लंकेश की दूसरी पुण्यतिथि पर की गई थी।

पत्रकार गौरी लंकेश को तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाना जाता था। साल 2017 में 5 सितंबर को गौरी लंकेश की बेंगलुरू के राजेश्वरी नगर स्थित उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस अवॉर्ड की घोषणा गौरी लंकेश मैमोरियल ट्रस्ट ने की थी, जिसे उनके निधन के बाद स्थापित किया गया था। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि रवीश कुमार को उनके ‘तीखे समाचार विश्लेषणों और बेखौफ धर्मनिरपेक्ष रुख’ को देखते हुए पुरस्कार के लिए चुना गया है।विजेता का चयन वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन, एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और शिक्षाविद रहमत तरीकेरे की एक चयन समिति ने किया।

प्रशस्ति पत्र में रवीश कुमार को भारत के सबसे प्रभावशाली टीवी पत्रकारों में से एक बताया गया है। रविश समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक हैं।सोशल एक्‍ट‍िविस्‍ट, पत्रकार गौरी लंकेश कन्‍नड़ साप्‍ताहिक अखबार ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं, जिसे उनके पिता पी लंकेश ने शुरू किया था। साल 1962 में जन्‍मी गौरी लंकेश ने अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरू में टाइम्‍स ऑफ इंडिया से की थी।

कुछ समय के लिए वह दिल्‍ली आईं और फिर वापस बेंगलुरू लौट गईं, जहां ‘संडे’ मैग्‍जीन के साथ 9 सालों तक काम किया।साल 2000 में जब उनके पिता की मौत हुई तब वह इनाडु के तेलुगू चैनल के लिए काम कर रही थीं।

Website Design By Mytesta +91 8809666000

Check Also

नफरत के पिंडदान का सही समय@वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल की कलम से

🔊 Listen to this गणाधिपति का विसर्जन हो रहा है। उनके एक पखवाड़े के प्रवास …

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-