नई दिल्ली(वेद भदोला)। बुरी तरह कर्ज में डूबे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क निर्माण रोकने की सलाह पीएमओ की ओर से दी गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रस्ताव दिया है कि एनएचएआई को एक लाभदायक प्रबंधन कंपनी में बदला जाए। इस प्रस्ताव पर अपनी राय देने के लिये प्रधानमंत्री कार्यालय ने एनएचएआई को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है।
यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल से बिल्कुल उलट है। क्योंकि उनके पहले कार्यकाल में तेज़ गति से राजमार्ग निर्माण के लिए एनएचएआई को प्रशंसा मिली थी। यह सड़को का ढांचागत विकास ही था जिससे भारत में आर्थिक विकास की गति तेज़ होने में मदद मिली थी। तब भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा था।
हालांकि, तेज़ गति से राजमार्गों के निर्माण के साथ ही लागत भी बढ़ती गई। इसके बोझ तले एनएचएआई इस तरह दबा कि इसको आर्थिक सहायता के लिए सरकार पर निर्भर होना पड़ा। ऐसे समय में जब देश की आर्थिक स्थिति ख़राब है और सरकार अपने बजट घाटे को पूरा करने की कोशिश में जुटी है, इसके लिए एनएचएआई को मदद करना भारी पड़ता दिख रहा है।