गैरसैंण राजधानी का क्या होगा?
वेद भदोला
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व 35A हटाकर दो राज्य बनाने के बाद अब मोदी सरकार की नजर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व उत्तराखण्ड के पुनर्गठन पर है। अगर, ऐसा हुआ तो आजादी के बाद संभवतः राज्यों का इतने बड़े पैमाने पर पहला पुनर्गठन होगा।
इसका सीधा अर्थ है कि देश में दो नये राज्य अस्तित्व में आने जा रहे हैं। इन राज्यों के नाम होंगे पूर्वांचल और बुंदेलखंड। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश 20 जिलों में सिमट कर रह जायेगा। जबकि उत्तराखंड में जिलों में वृद्धि हो जायेगी। मुरादाबाद मंडल उत्तराखंड में शामिल होगा। केन्द्र की योजना राज्य पुनर्गठन आयोग के तहत ये निर्णय लेने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक केन्द्र उत्तराखंड उत्तर प्रदेश व हरियाणा राज्यों को लेकर ये महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है।
दरअसल धारा 370 हटाने के बाद दो नये राज्य गठन से मिली सराहना से उत्साहित सरकार अब एक बार फिर नये राज्य गठन को लेकर गंभीर है। सूत्रों की मानें तो राज्य पुनर्गठन आयोग दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की कवायद में भी जुट गया है ।पूर्ण राज्य दिल्ली में हरियाणा के सोनीपत ,रोहतक ,झज्जर, गुरूग्राम , रिवाडी ,नूह (मेवात), पलवल और फरीदाबाद और यूपी से मेरठ मंडल के जनपद बागपत , गाजियाबाद , नौएडा ,हापुड , बुलंदशहर और मेरठ को शामिल किया जा सकता है। उधर सहारनपुर मंडल को पूरी तरह हरियाणा में मर्ज किया जा सकता है। उत्तराखंड में मुरादाबाद मंडल को शामिल कर इस राज्य को पूरी तरह पर्वतीय राज्य के तमगे से मुक्त कर सकती है। मुरादाबाद मंडल को उत्तराखंड में शामिल करने के पीछे संभावना जताई जा रही है कि राजधानी गैरसैंण को लेकर हो रहे आंदोलन को निष्प्रभावी किया जा सके।
सूत्र बताते हैं कि एक नया राज्य पूर्वांचल बनाया जा सकता है जिसकी संभावित राजधानी गोरखपुर होगी। इस नये राज्य में देवरिया , गोरखपुर , कुशीनगर और महाराजगंज आजमगढ़, बलिया और मऊ बस्ती, संत कबीर नगर और सिद्धार्थनगर बहराइच , बलरामपुर , गोंडा और श्रावस्ती अम्बेडकर नगर, अयोध्या , सुल्तानपुर ,अमेठी और बाराबंकी चंदौली ,गाजीपुर , जौनपुर और वाराणसी सहित कुल 23 जनपद का नया राज्य होगा।
दूसरे संभावित राज्य बुंदेलखंड में प्रयागराज , फतेहपुर , कौशाम्बी और प्रतापगढ़ बांदा , चित्रकूट , हमीरपुर और मोबाइल जालौन , झांसी और ललितपुर मिर्जापुर , संत रविदास नगर और सोनभद्र कानपुर, कानपुर देहात तथा औरैया को मिलाकर कुल 17 जनपदों का हो सकता है।