उत्तर प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को दोपहर के भोजन यानी मिड-डे मील के तौर पर नमक-रोटी दिए जाने का मामला फिर सुर्खियों में है। खबरों के मुताबिक इसका वीडियो शूट करने वाले पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अपनी शिकायत में क्षेत्रीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने पवन जायसवाल नाम के इस पत्रकार और स्थानीय ग्राम प्रधान के एक प्रतिनिधि पर राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है।
मिड डे मील केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसका उद्देश्य हर बच्चे को रोज़ाना कम से कम 450 कैलोरी उपलब्ध करवाना है जिसमें कम से कम 12 ग्राम प्रोटीन भी शामिल हो. नियमों के मुताबिक बच्चों को दिए जाने वाले भोजन में दालें, चावल, रोटी और सब्ज़ियां होनी चाहिए। भोजन चार्ट के मुताबिक कुछ विशेष दिनों पर बच्चों में फल और दूध भी बांटा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक दिसंबर, 2018 में वह राज्य के डेढ़ लाख प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में मिड-डे मील उपलब्ध करवा रही थी। नमक के साथ रोटी खाते बच्चों का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया। इससे राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की काफी किरकिरी हुई। इसके बाद एक शिक्षक सहित दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था।