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असम में कल होगा एनआरसी की अंतिम सूची का प्रकाशन, राज्य में सुरक्षा बल तैनात

फाइल फोटो

शब्द दूत ब्यूरो

गुवाहाटी। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (एनआरसी) की अंतिम सूची का प्रकाशन शनिवार को किया जाएगा। इसके बाद ही असम में 41 लाख लोगों के भाग्य का फैसला हो जाएगा कि वे देश के नागरिक हैं या नहीं। असम पुलिस और सरकार ने राज्य में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस प्रशासन ने लोगों से कहा है कि कुछ असामाजिक लोग एनआरसी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, उन पर ध्यान न दें।

केंद्र और राज्य सरकार ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले असम से केंद्रीय सुरक्षा बलों की 55 कंपनियों को हटाया गया था। हालांकि अब सरकार के अनुरोध पर 51 कंपनियों को वापिस तैनात कर दिया गया है।

पहले एनआरसी की लिस्ट 31 जुलाई को प्रकाशित होनी थी, लेकिन राज्य में बाढ़ के कारण एनआरसी अथॉरिटी ने इसे 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। इससे पहले 2018 में 30 जुलाई को एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट आया था। लिस्ट में शामिल नहीं लोगों को दोबारा वेरीफेकशन के लिए एक साल का समय दिया गया था।

असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है। इसकी वजह, यहां बड़ी संख्या में अवैध तरीके से रह रहे लोग हैं। दरअसल, 2018 में आई एनआरसी लिस्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल था। अब फाइनल एनआरसी में उन लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो 24 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं।

एनआरसी अथॉरिटी के कुछ सूत्र बताते हैं कि अंतिम सूची में नाम नहीं होने के बावजूद लोगों को खुद को भारतीय नागरिक साबित करने के मौके मिल सकते हैं।ऐसे विदेशी नागरिक पहले ट्रिब्यूनल में जाएंगे, उसके बाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे।  राज्य सरकार भी इसमें  कानूनी मदद करेगी। लोगों को इस संबंध में अपील करने के लिए 120 दिन की मोहलत मिलेगी।

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