नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में राज्य सरकारों द्वारा कैम्पा योजना के तहत किये जा रहे विकास कार्याें के देखते हुए भारत सरकार द्वारा कैम्पा योजना की धनराशि राज्यों को सौंपी गयी।
कम्पन्सैंटरी एफाॅरेस्टेशन मैनेजमेंट एण्ड प्लानिंग
अथारिटी (कैम्पा) फण्ड का प्रयोग वनों की कटाई से होने वाले नुकसान, पर्यावरण संरक्षण, खनन और विकास उपक्रम की स्थापना की वजह से होने वाले प्रवास के लिए मजबूर हुए लोगों को सहयोग देेने के लिए किया जाता है। इस कानून का उद्देश्य वन भूमि हस्तान्तरण से हुई (पारिस्थितिकीय) क्षति की पूर्ति करना है।
बैठक में उत्तराखण्ड के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत द्वारा केन्द्रीय मंत्री को विगत वर्षों में कैम्पा योजना के अन्तर्गत किये जा रहे विभिन्न कार्याें की जानकारी दी। हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री को इस योजना के अन्तर्गत आ रही विभिन्न समस्याओं से भी अवगत कराया।
बैठक के दौरान डा. हरक सिंह रावत ने राज्य सरकार द्वारा एक हेक्टेयर भूमि स्थानांतरण के अधिकार को पांच हेक्टेयर तक बढाने की मांग की। जिससे राज्य सरकार के स्तर पर ही सभी विकास कार्यों को भूमि स्थानान्तरण करने के चलते अविलम्ब पूरा किया जा सकें। उक्त माॅगों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा चीड उन्मूलन के क्रम में हजार मीटर से ऊपर वृक्ष पातन करने की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान करने की भी मांग की।






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