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बड़ी खबर :पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने 15 आरोपियों को प्रश्न पत्रों सहित किया गिरफ्तार, आज होने वाली परीक्षा में साढ़े नौ लाख अभ्यर्थी थे शामिल

कोचिंग सेंटर चलाते थे आरोपी।

@शब्द दूत ब्यूरो (29 जनवरी 2023)

वड़ोदरा। गुजरात से बड़ी खबर सामने आ रही है यहाँ जूनियर क्लर्क लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में  एटीएस ने 15 आरोपियों को प्रश्नपत्रों के साथ गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी वडोदरा में हुई है।

उधर इस मामले में गोधरा, जामनगर समेत कई जगहों पर छात्रों ने प्रदर्शन किया है। एटीएस  एसपी सुनील जोशी ने  बताया कि पिछले 3-4 दिन से पेपर लीक मामलों से जुड़े लोगों पर नजर रखी जा रही थी।

वडोदरा से 15 आरोपियों को प्रश्नपत्रों के साथ गिरफ्तार किया है। लाखों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर सरकार ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। मामले में आगे की जांच जारी है। गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) के सचिव ने एक प्रेस बयान में घोषणा की है कि पेपर लीक होने के कारण जूनियर क्लर्क परीक्षा रद्द कर दी गई है। अगली तारीखें जल्द ही घोषित किया जाएगा।

बता दें कि आज सुबह 11 बजे से होने वाली परीक्षा के लिए 9 लाख 50 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। पेपर रद्द होने के बाद अभ्यर्थियों के लिए बसों में मुफ्त वापसी यात्रा की घोषणा की गई है।

पेपर लीक के प्रमुख आरोपी प्रदीप नायक को  वडोदरा से गिरफ्तार कर गुजरात एटीएस की टीम पुछताछ कर रही है। एटीएस ने वडोदरा में भास्कर चौधरी नाम के शख्स के कोचिंग सेंटर पर भी गुजरात एटीएस की टीम का छापा मारा। भास्कर चौधरी, रिद्धी चौधरी समेत, केतन बारोट, शेखर, प्रदिप नायक की गिरफ्तारी हुई है। जानकारी के अनुसार ये लोग वडोदरा में कॉम्पिटेटविट एग्जाम कोचिंग सेंटर चलाते थे।   भास्कर चौधरी 2019 में भी गिरफ्तार किया जा चुका है।  प्रदीप नायक उडीसा का रहने वाला है। पूछताछ से पता चला है कि पेपर आंध्रप्रदेश की एंजेंसी को प्रिट के लिए दिया गया था। इस दौरान पुलिस को रबर स्टेम्प, आधारकार्ड, पान कार्ड समेत कई चीजें मिली हैं।

उधर गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने दावा किया कि यह 15वीं सरकारी प्रतियोगी परीक्षा थी जिसे पिछले 12 साल में प्रश्न पत्र लीक होने के कारण रद्द कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “सरकार सख्त कार्रवाई करने का दावा करती है, लेकिन मुख्य दोषियों को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है।  सरकार राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।  मनीष दोशी ने दावा किया कि परीक्षा, जिसके लिए 2016 में पहला विज्ञापन जारी किया गया था, तीसरी बार रद्द कर दी गई।

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