कजरी, चैती, बिरहा, झूला पर आधारित संगीत कार्यशाला का शुभारंभ
रामनगर से नितेश जोशी
स्वर साधना संगीत विद्यालय के तत्वाधान में बनारस अंग से गाई जाने वाली लोकगायन शैलियों पर कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पांच दिन तक चलने वाली कार्यशाला में कजरी,चैती, झूला, हिंडोला आदि लोक गायन शैलियों का अभ्यास संगीत साधकों को करवाया जाएगा।
दीप प्रज्ज्वलन पर्वतीय सभा के अध्यक्ष शम्भूदत्त तिवाड़ी व गिरीश तिवारी ने किया ।
बनारस से आये संगीताचार्य पंकज मिश्र ने कजरी, झूला, चैती गायन के उदभव और प्रसार यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बनारस व मिर्जापुर में इस शैली का गायन लोकप्रिय है। संचालन करते हुए आयोजक मोहन पाठक ने कहा कि भारतीय लोक जीवन की सांस्कृतिक जड़ें काफी गहरी हैं। नई पीढ़ी को उच्च कोटि की सांस्कृतिक परंपराओं से जोड़ने की जरूरत है। इसलिए कार्यशाला में पचास स्कूली बच्चों को शामिल किया गया है। कार्यशाला के समापन पर एक सितंबर को इन विधाओं की मंचीय प्रस्तुति की जाएगी। जिसमें जाने माने गायक पंकज मिश्र और तबला वादक मनोज मिश्रा की प्रस्तुतियां भी होंगी ।
कार्यक्रम में स्वर साधना समिति के अध्यक्ष हीराबल्लभ पाठक, गणेश रावत, सुबोध चमोली, वीरेंद्र तिवारी, मनोज तिवारी, राजेश भट्ट, हेम पांडे, पंकज जोशी, सुरेश घुगत्याल आदि मौजूद रहे ।