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महिला व बाल विकास कार्यक्रम में कोताही न बरतें – रेखा आर्या

नैनीताल। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, महिला कल्याण मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने नैनीताल क्लब में  महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, गौरा-नन्दा योजना तथा पोषण आहार योजना की जनपद में प्रगति की प्रशंसा की। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बालक एवं बालिकाओं का वजन व लम्बाई मापने के साथ ही आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल विकास कार्यक्रम) की टीम के माध्यम से मानसिक स्थिति की जाॅच कराने, जनपद के कुपोषित तथा अतिकुपोषित बालक एवं बालिकाओं को जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने तथा कुपोषित बालकों एवं बालिकाओं की गहनता से अनुश्रवण करने के साथ ही माता-पिता व अभिभावकों के साथ स्वास्थ्य के सम्बन्ध में निरन्तर काउंसिलिंग कराने, पर्वतीय एवं स्लम क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए।
   श्रीमती आर्या ने सितम्बर माह से ऊर्जा कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों के स्वास्थ्य में अगले तीन माह में होने वाले प्रभावों की जानकारी चौथे माह में प्राथमिकता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि गौरा-नन्दा योजना के अन्तर्गत आवेदन करने हेतु शीघ्र ही समय सीमा बढ़ायी जाना प्रस्तावित है। उन्होंने घरेलू हिंसा के प्रकरणों में हो रही बढ़ोत्तरी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए। साथ ही  महिलाओं के स्वावलम्बी बनने तथा आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का वृहद प्रचार प्रसार किए जाने के साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक करने तथा विभिन्न हेल्पलाईनों के बारे में भी वृहद प्रचार प्रसार करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए।
       उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए।  उन्हें सेनेट्री नैपकिन के उपयोग हेतु प्रेरित किया जाए। जनपद में यदि सेनेट्री नेपकिन की आवश्यकता है तो निदेशालय से तत्काल डिमाण्ड करना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि सेनेट्री नैपकिन के स्थान पर कपड़ों के उपयोग को किसी भी दशा में बढ़ावा न दिया जाए। जनपद में महिलाओं एवं बालिकाओं द्वारा शतप्रतिशत सेनेट्री नैपकिन का प्रयोग किए जाने हेतु बढ़ावा दिया जाए तथा प्रेरित किया जाए।

उन्होंने  कहा कि जो गर्भवती महिलाएं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत हैं, उनके संस्थागत प्रसव पर बधाई कार्ड देने के साथी वेष्णवी किट भी देने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी के माध्यम से पंजीकृत महिलाओं के सापेक्ष कितनी महिलाओं के द्वारा संस्थागत प्रसव कराया गया।  उनका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। उन्होंने महिला कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान जनपद में गठित बाल कल्याण समिति को प्रतिमाह नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

  उन्होंने पशुपालन तथा मत्स्य विभाग की विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों की आय एवं आर्थिकी में सुधार हेतु जनपद में मत्स्य एवं पशुपालन विकास के क्षेत्र में विशेष प्रगति हासिल करना सुनिश्चित करें। उन्होंने चारा बैंकों में चारा न होने की स्थिति में समय से चारे की मांग निदेशालय को प्रेषित करने, चारागाहों को विकसित करने के साथ ही वर्षाकाल में पशुओं में होने वाले विभिन्न रोगों की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दिए। उन्होंने चारा विकास हेतु मनरेगा से कन्वर्जेन्स करने, दुग्ध विकास हेतु एससी तथा एसटी कम्पोनेंट में यूनिटों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दिए।

 श्रीमती रेखा आर्या ने जनपद में पशुपालन तथा मत्स्य पालन की संभावनाओं को देखते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभिन्न मदों के अन्तर्गत धनराशि बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें ताकि जनपद में मत्स्य एवं पशुपालन में और अधिक बढ़ोत्तरी  की जा सके।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ.पीसी भण्डारी, उप निदेशक मत्स्य जीएस बिष्ट, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, वैयक्तिक सचिव अजय शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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