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पांच फर्जी पत्रकारों पर गैंगस्टर एक्ट, चार गिरफ्तार एक फरार

 

नोएडा (वेद भदोला) । पुलिस ने अवैध वसूली के आरोप में चार फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है। इस पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। जिलाधिकारी की ओर से गैंगस्टर एक्ट लगाने पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें से तीन आरोपी 30 जनवरी को नोएडा सेक्टर-20 कोतवाली में उगाही करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए थे। इनके कब्जे से 2-2 लाख रुपये बरामद किए गए थे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को पांच दिन के रिमांड पर लिया है।
जिलाधिकारी बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने  बताया कि गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और लखनऊ में आरोपी गिरोह चला रहे थे। आरोपी उगाही के लिए सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों विशेषकर पुलिस पर दबाव बनाने के लिए भ्रामक और तथ्यहीन खबरों को वेब पोर्टल व समाचार पत्र में प्रकाशित करते थे। नोएडा-गाजियाबाद से लेकर लखनऊ तक खबरें चलाईं जाती थीं। इसके बाद सोशल मीडिया से सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को अपने दबाव में लेकर किसी व्यक्ति का अवैध कार्य कराने के लिए कहते थे। काम हो जाने पर 75 फीसदी हिस्सा स्वयं लेते थे। खबरों के माध्यम से यह लोग अदालत में चल रहे मुकदमों को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे। आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। मुकदमे का ट्रायल चल रहा है।
एसएसपी ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट का मामला ग्रेटर नोएडा के बीटा दो में दर्ज किया गया है। गिरोह सरगना फर्जी पत्रकार सुशील पंडित को नोएडा, फर्जी पत्रकार उदित गोयल को ग्रेटर नोएडा, फर्जी पत्रकार चंदन राय को गाजियाबाद व नीतिश पांडेय को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। जबकि फर्जी पत्रकार रमन ठाकुर अभी फरार है। इस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। जिन आरोपियों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं वे रद्द किए जाएंगे। इन सभी की संपत्ति की जांच की जाएगी जो संपत्ति अवैध वसूली से बनाई गई होगी उसे शासन से जब्त कराया जाएगा। डीएम ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट में 2बीए के तहत यह कार्रवाई की गई है। इन पर पहले भी कई-कई मुकदमे दर्ज हैं और अन्य आरोपियों की आपराधिक मामलों की जांच कराई जा रही है।

एसएसपी ने बताया कि 30 जनवरी को नोएडा सेक्टर-20 कोतवाली में सूचना मिली थी कि कुछ पत्रकार व कोतवाल मिलकर एक उद्यमी से अवैध वसूली कर रहे हैं। मौके पर वह स्वयं गए थे। पुलिस टीम ने छापेमारी की तो मामला सही पाया गया। कोतवाली के ऑफिस में इंस्पेक्टर मनोज पंत, फर्जी पत्रकार रमन ठाकुर, सुशील पंडित व उदित गोयल मौजूद थे। सभी से 2-2 लाख रुपये बरामद किए गए थे। पीड़ित उद्यमी ने कोतवाली में अवैध उगाही का मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। कई माह जेल में रहने के बाद सभी आरोपियों को अदालत ने सशर्त जमानत दी थी। जमानत पर आने के बाद आरोपी फर्जी पत्रकार फिर उसी तरह के मामलों में लग गए और वेबपोर्टल, पैनी खबर, सनसनी डाटकॉम, पुलिस मीडिया डॉटकॉम आदि के माध्यम से तथ्यहीन और भ्रामक खबरें चलाकर केस में गवाहों को प्रभावित कर रहे थे। कानून व्यवस्था को प्रभावित करने के अलावा भी कई प्रकार की खबरें प्रकाशित की गई थी। इसमें पुलिस विभाग के लिए जातिवाद आदि की खबरें चलाकर मनमुटाव फैलाने का काम किया जा रहा था। आरोपी गिरोह बनाकर इस तरह का काम कर रहे थे जिससे कभी भी समाज में कानून व्यवस्था की गड़बड़ी हो सकती थी। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए पांचों फर्जी पत्रकारों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। डीएम ने कहा कि सेक्टर-20 कोतवाली में हुआ मामला प्रदेश में अपनी तरह का पहला मामला है।

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