रूद्रपुर ।आजकल फेसबुक और व्हाट्सअप पर लिख कर घर में आराम से बैठकर आप देश की चिंता कर सकते हैं और लोगों को सलाह दे सकते हैं। बयानबाजी से आप अपनी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता होने का दावा कर सकते हैं। मतलब सोशल मीडिया ने आपको आराम करने का पूरा मौका दिया है। आपके लिखे हुये पर कमेंट आ जायें तो फिर तो आप स्वयं को प्रसिद्ध समझ लीजिये पर आपकी यह प्रसिद्धि उसी कमरे तक सीमित है जिसमें आप बैठे हैं। ओंकार सिंह ढिल्लन इसका अपवाद हैं।ओंकार सिंह ढिल्लन ने ईवीएम पर फेसबुक पर तो लिखा ही अब वह धरातल पर आकर आंदोलित हैं। जिस मुद्दे पर उन्होंने 6000 किमी की पदयात्रा शुरू की है उसी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी बहुत पहले ही कह चुके हैं।
हालांकि ईवीएम का मुद्दा कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल उठा चुके हैं। पर इस मुद्दे पर गंभीरता से कोई आंदोलन या आवाज उठाने में कोई दल खास सक्रिय नहीं रहा। देश की बड़ी पार्टी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी इसे खास तवज्जो नहीं दी। ओंकार सिंह ढिल्लन जो खुद को कांग्रेस की अंतिम पंक्ति का कार्यकर्ता कहते हैं उन्होंने ईवीएम बैन को लेकर 6000 किमी की पदयात्रा शुरू कर दी है। आज वह मुरादाबाद पहुंच रहे हैं।
रुद्रपुर निवासी ओंकार सिंह ढिल्लन कांग्रेस में किसी पद पर नहीं पर वह कांग्रेस के प्रति समर्पित हैं। गांधीवादी ढंग से उनके इस आंदोलन को लोग पसंद ही नहीं कर रहे वरन उनके साथ आ रहे हैं। हर जगह उनका जोरदार स्वागत किया जा रहा है। यहाँ तक कि आंदोलन के दो ही दिनों में राष्ट्रीय मीडिया में उनकी इस पदयात्रा की चर्चा हो चुकी है।
देश के तमाम राज्यों से होकर उनकी यह यात्रा दिल्ली में समाप्त होगी देखना तो यह दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व क्या ओंकार सिंह ढिल्लन की इस पदयात्रा पर क्या रुख अपनाता है? बुरी तरह हाथों का कड़वा स्वाद चख चुकी कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के ऐसे आंदोलन में साथ आये तो काम करने वाले कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और पार्टी से जुड़ाव भी बढ़ेगा।