@शब्द दूत ब्यूरो (06 अक्टूबर 2022)
काशीपुर । शहर के मंदिरों और तीर्थ स्थलों में असामाजिक तत्वों का बोलबाला हो रहा है। शहर के प्रमुख तीर्थ के रूप में शुमार गिरीताल और द्रोणासागर की हालात कब सुधरेगी यह तो कहना मुश्किल है लेकिन इन तीर्थ स्थानों को लोगों ने खासकर भटके युवक युवतियों ने तफरीह का साधन बना दिया है।
इन तीर्थ स्थलों पर जहाँ नशेड़ी व मादक पदार्थों का सेवन करने वालों का बोलबाला है तो वहीं एक सबसे बड़ी सामाजिक बुराई और समस्या इन जगहों पर दिखाई देती है। बीते रोज शब्द दूत ने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल द्रोणासागर में जो नजारा देखा वह अपने आप में प्रमाण है कि इन तीर्थ स्थलों का दुरुपयोग किस तरह से हो रहा है।
दरअसल कुछ लोगों ने बताया कि इन तीर्थ स्थलों पर दोपहर के समय युवा जोड़े उनमें अधिकांश स्कूली छात्र छात्राए होती है यहाँ अपने मिलन व पिकनिक का स्थल बनाकर इसे क्रीड़ा स्थल बना दिया है। धार्मिक स्थानों को प्रदूषित करने को लेकर ऐसे तत्वों के खिलाफ प्रशासन को कोई गंभीर कदम उठाना चाहिए। यदि समय रहते प्रशासन नहीं चेता तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।नशे के आदी लोगों के लिए यह स्थान मुफीद साबित हो रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर इन तीर्थ स्थलों पर घूमने आने वाले लोगों के लिए यह स्थल एक रमणीक स्थल हैं। छोटे छोटे बच्चे यहाँ भी यहाँ अपने परिजनों के साथ यहाँ आते हैं। लेकिन कई बार अविवाहित युवा जोड़ों की हरकत से परिवार के साथ आये लोगों को शर्मसार होना पड़ता है। यहाँ मौजूद एक ठेकेदार ने बताया कि वह यह सब देखते हैं और कई बार उन्होंने ऐसे लोगों को टोका तो वह हाथापाई पर उतर आते हैं।